उत्तर प्रदेशराज्य

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई पहल, मून लाइट व्‍यू के लिए आज से रात 12 बजे तक खुलेगा ताजमहल

लखनऊ। मून लाइट व्‍यू के लिए ताजमहल आज से रात 12 बजे तक खोला जाएगा। आगरा डवलपमेंट अथारिटी ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला किया है। हालांकि अंदर से ताजमहल के नाइट व्‍यू अभी पर्यटकों को नहीं मिलेंगे लेकिन चांदनी रात में मेहताब बाग से लगे हुए ताज व्‍यू प्‍वाइंट से पर्यटक इस नाइट व्‍यू का आनन्‍द उठा सकेंगे।

आगरा डेवलपमेंट अथॉरिटी(एडीए) ने ताजमहल के पीछे यमुना पार मेहताब पर ताज व्यू पॉइंट बनाया था। जिसके बाद एडीए वीसी राजेंद्र पैंसिया ने यहां से ताज महल के रात्रि दर्शन के लिए कई बार विभागीय अधिकारियों और व्यापारियों से चर्चा की थी। आज से ताज महल का रात्रि दर्शन शुरू किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुरातत्व विभाग द्वारा ताज महल को रात में खोलना शुरू किया गया था। पूर्णिमा के दो दिन पहले और दो दिन बाद तक 50-50 लोगों के पांच स्लाट में पर्यटकों को आधे घण्टे ताजमहल में प्रवेश मिलता था। महीने में पांच दिन रात्रि दर्शन होते हैं। लेकिन बाद में कोरोना की वजह से रात्रि दर्शन पर रोक लगा दी गई थी। अब इस सुविधा को फिर से शुरू किया जा रहा है।

पहले ताजमहल से रात्रि दर्शन में काफी परेशानी होती थी। एक दिन पूर्व पुरातत्व विभाग के कार्यालय से टिकट खरीदने के बाद अगले दिन शिल्पग्राम से कड़ी सुरक्षा में ताजमहल में प्रवेश होता था। इसके लिए पर्यटक एक दिन पूर्व आगरा आता था और अगले दिन तक रुकना पड़ता था। ताजमहल में मात्र आधे घंटे ही रुकने को मिलते थे। अंदर आने और बाहर निकलने में काफी वक्त लगता था। यहां भारतीय को 510 और विदेशी को 750 रुपए देने पड़ते थे।

दर्शन में नहीं होगी दिक्‍कत
प्रो पुअर टूरिज्म के तहत वर्ल्ड बैंक और यूपी सरकार ने यहां काफी विकास कराया है। यहां मेहताब बाग के पास काफी मात्रा में पार्किंग की जगह है। ताज व्यू पॉइंट तक जाने के लिए संरक्षित स्मारक मेहताब बाग के अंदर नहीं जाना पड़ता है। मात्र 50 कदम चलकर पर्यटक ताज व्यू पॉइंट तक पहुंच सकता है।

एडीए के एक्सईएन आई पी सिंह ने बताया कि मेहताब बाग ताज व्यू पॉइंट से रात्रि दर्शन के लिए भारतीय पर्यटक को 200 रुपये और विदेशी को 500 रुपये का टिकट लेना होगा।सूर्यास्त के बाद से रात्रि 12 बजे तक पर्यटक रात्रि दर्शन कर सकते हैं।

शरद पूर्णिमा पर्यटकों के लिए खास

ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात ताजमहल पृथ्वी के सबसे पास होता है। इस दिन चांद बड़ा दिखाई देता है। इस दौरान ताजमहल के सफेद संगमरमर पर चांद की रोशनी पड़ने पर पत्थर चमकने लगते हैं। इसे स्थानीय भाषा मे चमकी कहा जाता है। मेहताब बाग की ओर से यमुना के जल में चांद और ताजमहल का अक्स अलग छठा बिखेरता है।

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