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दिल्ली उच्च न्यायालय की फटकार के बाद यूपी पुलिस के दो अधिकारी निलंबित

मुजफ्फरनगर: दिल्ली के एक व्यक्ति और उसके बेटे को अवैध रूप से गिरफ्तार करने के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग की आचोलना के बाद यूपी के दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। दिल्ली के रहने वाले व्यक्ति का दूसरा बेटा उत्तर प्रदेश के शामली की 21 वर्षीय महिला के साथ भाग गया था और उसके परिवार की मर्जी के खिलाफ उससे शादी कर ली थी। शामली के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुकीर्ति माधव मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि शामली कोतवाली के थाना प्रभारी पंकज त्यागी और मामले के जांच अधिकारी एसएच शर्मा को निलंबित कर दिया गया है और अवैध गिरफ्तारी की जांच शुरू कर दी गई है।

दिल्ली के रहने वाले व्यक्ति के बेटे और शामली की महिला की कुछ महीने पहले शादी हुई थी। महिला के पिता ने 8 सितंबर को आरोप लगाया था कि दिल्ली के दो लोगों ने उनकी बेटी का अपहरण कर लिया। उन्होंने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद, उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिता-पुत्र को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया था। दंपति ने दिल्ली उच्च न्यायालय में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत एक रिट याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि उन्होंने शादी के लिए कानूनी उम्र प्राप्त कर ली है और अपनी मर्जी से शादी कर ली थी।

उस व्यक्ति ने यह आरोप भी लगाया कि उसके पिता और भाई को अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए, गिरफ्तारी के लिए 28 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश पुलिस की आलोचना की और कहा कि इस तरह के अवैध कृत्यों की अनुमति नहीं है और इसे राष्ट्रीय राजधानी में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कहा था कि वह मामले में हर कदम पर कानून का उल्लंघन करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करेंगी।

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