उत्तराखंडराज्य

पहला नशा विरोधी मोबाइल एप तैयार, देखिए कैसे करेगा काम

drug-cartel-5693a8e7f3159_exlstदस्तक टाइम्स एजेंसी/देश का नशा विरोधी पहला मोबाइल एप बनकर तैयार है। अब घर बैठे नशे से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराने के साथ कुप्रभाव के अलावा प्रत्येक नशे के लक्षणों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।

उत्तराखंड पुलिस जल्द ही नशा विरोधी मुहिम से युवाओं को जोड़ने के लिए बड़ा आयोजन करने जा रही है। उसी दिन मोबाइल एप को लांच करने की तैयारी है। पुणे की तरह शिक्षा का हब बने देहरादून में भी नशा कारोबार ने तेजी से पैर पसारे हैं।

पहाड़ी क्षेत्रों के अलावा यूपी के बरेली और हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों से स्मैक, चरस, अफीम, गांजा आदि की तस्करी किसी से छिपी नहीं है। चिंताजनक बात यह है कि नशे की लत का शिकार युवा तेजी से तस्करी के गोरखधंधे में अपने कदम बढ़ा रहे हैं।नशे के सौदागरों की शिक्षण संस्थाओं में गहरी होती जड़ों को लेकर पुलिस से लेकर सरकार तक चिंतित है। तीन माह में करीब 48 लाख 50 हजार रुपये के नशीले पदार्थों की बरामदगी से नशे के बढ़ते असर का अंदाजा लगाया जा सकता है।

करोड़ों रुपये के नशा कारोबार में पुलिस की यह कार्रवाई ऊंट के मुंह में जीरा के अलावा कुछ नहीं है। नशा विरोधी मुहिम में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए पुलिस जल्द ही बड़ा आयोजन करने जा रही है।

नशे की सूचनाओं का ग्राफ बढ़ाने के लिए पुलिस ने एक मोबाइल एप भी तैयार किया है। यह देश का पहला एप होगा, जो सिर्फ नशा विरोधी मुहिम बढ़ाने में कारगर होगा। पुलिस के अलावा नारकोटिक्स सेल, स्वास्थ्य विभाग, कॉलेजों के प्रधानाचार्य आदि लिंक में रहेंगे। हालांकि पूरा कंट्रोल पुलिस का ही रहेगा।

नशे की सूचनाएं बढ़ाने के लिए तैयार हुए मोबाइल एप का ट्रायल चल रहा है, ताकि कमियों को दूर किया जा सके। जल्द ही मुख्यमंत्री हरीश रावत इस एप को लांच करेंगे। एप पर शिकायत दर्ज कराने वाले का नाम 100 प्रतिशत गोपनीय रहेगा। देशभर के बड़े नशा मुक्ति संस्थानों के बारे में जानकारी उपलब्ध रहेगी।

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