पांच जिलों के कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप
चंडीगढ़. हरियाणा हरियाणा के पांच जिलों के कर्मचारियों ने बुधवार को रोहतक में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. हरियाणा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले इन कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया.
कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि 16 दिसंबर तक बातचीत का न्योता दे अन्यथा जोरदार आंदोलन होगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. कर्मचारियों ने सांसद राजकुमार सैनी पर भी निशाना साधा और कहा कि सैनी ने सरकार की शह पर ही कर्मचारियों के खिलाफ बयान दिया था.
प्रदेश भर के कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन की राह पर हैं. हरियाणा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले कर्मचारी आज रोहतक में एकजुट हुए. कर्मचारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. कर्मचारियों की मांग है कि पंजाब के समान वेतनमान लागू किया जाए, वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए, कच्चे कर्मचारियों को नियमित किया जाए और खाली पदों को भरा जाए.
इन मांगों को लेकर कर्मचारी अनेक बार सरकार को मांग पत्र भी सौंप चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने गत 23 नवंबर को चंडीगढ़ में वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु से भी मुलाकात कर अपनी मांगों के बारे में अवगत कराया था. वित्त मंत्री ने कर्मचारी महासंघ को सीएम मनोहर लाल से मुलाकात कराने का भरोसा दिलाया था.
हरियाणा कर्मचारी महासंघ से जुड़़े कर्मचारियों ने पहले रोहतक के मानसरोवर पार्क में जनसभा की. इसके बाद वे प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे, जहां कर्मचारियों ने प्रशासन के माध्यम से सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा.
कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कर्मचारियों की मांगों को लागू करने की घोषणा की थी. लेकिन आज तक मांगों को नहीं माना गया है. कर्मचारी नेताओं ने प्रशासन के आला अधिकारियों पर टकराव की स्थिति पैदा करने का आरोप लगाया.
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कर्मचारियों की मांगों का जल्द समाधान नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा. 16 दिसंबर को गुड़गांव में हरियाणा कर्मचारी महासंघ का मंडल स्तरीय अंतिम प्रदर्शन है. कर्मचारियों के आज के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया था.
कर्मचारियों ने कुरूक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी पर भी निशाना साधा. उन्होंने पिछले दिनों कर्मचारियों के बारे में बयान देने पर कुरूक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी की आलोचना की. कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार की शह पर सैनी ने इस तरह का बयान दिया था. उन्होंने सरकार को कर्मचारी विरोधी करार दिया.