पाकिस्तान से बात करना हमारी कमजोरी नहीं: राजनाथ
आपकी सरकार की यह राय रही है कि सीमा पर हिंसा और आपसी वार्ता दोनों एक साथ नहीं चल सकते, फिर प्रधानमंत्री मोदी की अचानक पाकिस्तान यात्रा का क्या औचित्य है?
हमारी नीतियां स्पष्ट रही हैं। सीमा पर सरहद पार से होने वाली गोलीबारी का हमने भरपूर जवाब दिया है। अर्धसैनिक बलों को इस बारे में स्पष्ट निर्देश हैं। ऐसी हरकतों के प्रति हमारा रवैया कतई सख्त है और इसके अनुकूल परिणाम सामने आए भी हैं। सीमा पार से होने वाली घुसपैठ को भी हमने सख्ती करके रोका है। मगर बातचीत का रास्ता हमेशा खुला रखना पूरी तरह से औचित्यपूर्ण है क्योंकि कोई भी समस्या बिना बातचीत के हल नहीं हो सकती। प्रधानमंत्री ने एक सकारात्मक पहल की है जिसकी सर्वत्र सराहना की गई है। कुछ लोग विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं।
क्या सरकार इस पहल को आगे निरंतरता में बदलेगी?
हमने पहल की है। पाकिस्तान भी ऐसा ही रवैया रखेगा, हमें पूरी उम्मीद है। एक संदेश यह जा रहा है कि भारत सरकार ने कमजोरी दिखाई है। बिल्कुल नहीं। वार्तालाप करने का मतलब कमजोरी दिखाना नहीं है। कई ताकतवर देशों ने समय-समय पर वार्ताओं के द्वार खोलने में पहल की है और उसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं।
केन्द्र और दिल्ली की सरकारों के बीच कई विवाद चलते रहे हैं, उन्हें भी हल करने के लिए वार्ता क्यों नहीं होती?
हमने तो ऑफर दे रखा है। हम किसी भी विषय पर वार्ता को तैयार हैं।
जिस तरह से अरविंद केजरीवाल सरकार ने केन्द्रीय वित मंत्री अरुण जेटली पर आरोप लगाए हैं, उस पर आप क्या कहेंगे?
मैंने पहले भी
कहा था कि आरोप बेबुनियाद हैं। अब खुद दिल्ली सरकार की जांच रिपोर्ट आ गई है। हम जो कहते रहे हैं, उसकी पुष्टि हो गई है।
केजरीवाल कहते हैं कि जेटली को बचाने के लिए सीबीआई से छापा डलवाया गया। पूरा आरोप आधारहीन है। डीडीसीए मामले में जेटली जी पर भ्रष्टाचार के आरोप पूरी तरह बेईमानी हैं। सीबीआई के छापे से इस प्रकरण का कतई कोई सम्बंध नहीं है।
आप लखनऊ के सांसद हैं। लखनऊ को आपसे बहुत अपेक्षाएं हैं। राजधानी के लोगों की उम्मीदों को कैसे पूरा करेंगे?
लखनऊ और यहां के लोगों से मैं निरंतर सम्पर्क में रहता हूं। हमने कई काम किए हैं। कई कामों की भूमिका तैयार है, जल्दी ही वे मूर्तरूप लेंगे। हमारे प्रतिनिधि इस दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं। गोमतीनगर रेलवे स्टेशन को टर्मिनल बनाने की प्रक्रिया लगभग पूरी होने को है। 42 एकड़ भूमि की रजिस्ट्री की प्रक्रिया जल्दी ही पूरी हो जाएगी। 127 करोड़ रुपए इसके लिए रेलवे ने दिए हैं। यहां से गोरखपुर के लिए एक ट्रेन शुरू हो गई है। मुम्बई और जम्मू के लिए भी गोमतीनगर से ट्रेनें चलाई जाएंगी। इससे चारबाग को डिकंजैस्ट किया जा सकेगा।
मेट्रो के लिए भी भारत सरकार ने 1300 करोड़ दिए हैं। सीएसआर से नौ करोड़ का फंड मिला है। इससे 25 सार्वजनिक शौचालय बनाए जा रहे हैं और सड़कें बनाने के अलावा हैंडपंप लगवाए जा रहे हैं। सांसद निधि से स्कूलों में शौचालय बन रहे हैं। रिंग रोड बनाई जा रही है। 2016 में मार्च तक बहुत से काम हो जाएंगे।
सीबीआई पर केन्द्र के इशारे पर काम करने का आरोप लगता है? जब आप विपक्ष में थे तो आप यही आरोप लगाते थे। अब विपक्ष भी आप पर यही आरोप लगा रहा है?
हमारी सरकार ने किसी भी मामले में सीबीआई पर कोई दवाब नहीं डाला। देखिए, सीबीआई नियमों से बंधी हुई है। उसके लिए नियम पहले से तय हैं। उसकी जांच करने का अपना तरीका होता है, उसी के अनुसार वह काम करती है। हमारी सरकार इसमें कोई दखलंदाजी नहीं करती। बदायूं बलात्कार मामले में सीबीआई ने एक रिपोर्ट दी और बलात्कार की पुष्टि नहीं की। तो क्या हमने उससे कहा था कि ऐसी रिपोर्ट दे कि उप्र सरकार को बल मिले?
ऐसे नियम, कानून क्यों नहीं बनाए जाते कि सीबीआई न केवल निष्पक्ष ढंग से काम करे बल्कि निष्पक्ष नजर भी आए।
बहुत से सख्त नियम पहले से हैं। समय समय पर इनमें बदलाव भी होता है। आगे बदलाव की कोई जरूरत महसूस हुई तो सोचा जाएगा। सीबीआई और दूसरी केन्द्रीय एजेन्सियों के खिलाफ राज्य सरकारें समय समय पर आरोप लगाती रही हैं। दिल्ली की सरकार का आरोप आपके सामने है। मैं इतना ही कहूंगा कि हमारे देश में संघीय ढांचा लागू है। किसी को ऐसा काम नहीं करना चाहिए कि संघीय ढांचा कमजोर पड़े। हमारी सरकार राज्य सरकारों को हर जरूरत पर भरपूर मदद करती रही है। आपातकालीन सहायता से लेकर दूसरी वित्तीय मदद भी बराबर दी जाती है। कश्मीर और चेन्नई में आई बाढ़ के समय केन्द्र ने भरपूर सहायता दोनों राज्यों को दी है। कानून व्यवस्था के लिए भी हम मांगी गई सहायता उपलब्ध कराते हैं।
भारतीय जनता पार्टी के सामने उत्तर प्रदेश में क्या यह समस्या है कि किसे वह मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाकर पेश करे?
कोई समस्या नहीं है। भाजपा हमेशा अपने संगठन, अपने कार्यकर्ताओं के बल पर चुनाव लड़ती आई है। इस बार भी ऐसा ही होगा।
2017 के चुनाव में किसे भाजपा आगे रखकर चुनाव लड़ेगी?
जैसा मैंने कहा हम तो अपने संगठन के बल पर चुनाव लड़ते हैं और इस बार भी लडे़ंगे। फिर अभी तो चुनाव को काफी समय है। हम परेशान नहीं तो मीडिया क्यों परेशान है।
लखनऊ में राष्ट्रीय जांच एजेंसी-एनआईए कार्यालय से क्या लाभ मिलेगा?
एनआईए बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। राजधानी लखनऊ में उसका सेन्टर बनने से बहुत सहायता मिलेगी। अभी सेन्टर किराए के भवन से काम करता है लेकिन अपना भवन बनने से बहुत सुविधा हो जाएगी। एनआईए उत्तर प्रदेश के अलावा, उत्तराखण्ड, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई मामलों की जांच कर रही है। ये जांचें मुख्यत: आतंकवाद और नक्सलवाद से जुड़ी हुई हैं।