नई दिल्ली। भारत में आतंकवाद को प्रायोजित करने के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि पड़ोसी देश दाउद इब्राहिम को पनाह दे रहा है और यह अंडरवर्ल्ड डॉन वर्तमान में पाक-अफगान सीमा पर रह रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत सौहार्दपूर्ण रिश्ते बनाना चाहता है लेकिन लगता है इस्लामाबाद नई दिल्ली से दोस्ताना संबंध रखने का इच्छुक नहीं है। हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में गृह मंत्री ने कहा कि भारत में आतंकवाद घरेलू नहीं है बल्कि यह बाहरी पाकिस्तान द्वारा समर्थित है। उन्होंने कहा, भारत में आतंकवाद पूरी तरह पाकिस्तान प्रायोजित है। पाकिस्तान कहता है कि शासन इतर तत्व इसमें शामिल हैं। लेकिन क्या आईएसआई शासन इतर तत्व है। आईएसआई आतंकवाद को मदद दे रही है। सिंह ने कहा कि पाकिस्तान 2008 के मुंबई में हुए आतंकी हमलों में शामिल रहे लोगों को दंडित करने के लिए पहल नहीं कर रहा है और वहां इन मामलों का मुकदमा बहुत धीमी गति से चल रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि पाकिस्तान न्यायिक प्रक्रिया में मदद नहीं दे रहा है और इसकी बजाय इसमें रुकावट डाल रहा है। दाउद इब्राहिम के बारे में उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान में रह रहा है और भारत के आग्रह के बावजूद पाकिस्तान उसे भारत को सौंप नहीं रहा है। उन्होंने कहा, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भारत आए, हमारे प्रधानमंत्री ने उनसे दाउद को सौंपने को कहा। हम इसका दबाव बनाए हुए हैं। हम अत्यंत वांछित अपराधी दाउद को सौंपे जाने का कूटनीतिक दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं अभी वह अफगानिस्तान से लगे पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाके में रह रहा है। यह पूछे जाने पर कि दाउद को पकड़ने के लिए भारत क्या उसकी गहन खोज करेगा, गृह मंत्री ने कहा, हमें समय दीजिए। कपया प्रतीक्षा कीजिए। रणनीति को जमहिर नहीं किया जा सकता है। कोई समय सीमा नहीं है। लेकिन हम प्रयास कर रहे हैं जिससे पाकिस्तान जल्द से जल्द दाउद को सौंप दे। कूटनीतिक दबाव बनाया जा रहा है। भारत की ओर से पाकिस्तान के साथ वार्ता शुरू करने का प्रयास किए जाने के सवाल पर गृह मंत्री ने कहा कि भारत न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि अपने सभी पड़ोसी देशों तथा विश्व के अन्य देशों के साथ दोस्ताना रिश्ते चाहता हैं। उन्होंने कहा, सौहार्दपूर्ण रिश्ते बनाने के लिए पाकिस्तान की तरफ से भी प्रयास होने चाहिएं। हम हमेशा से दोस्ताना रिश्तों के हामी रहे हैं। लेकिन उस ओर से, कम से कम दोस्ती की बात तो होनी चाहिए। दोस्ती करने की (पाकिस्तान की ओर से) इच्छा तो दिखानी चाहिए। लेकिन मुझे विश्वास है कि गतिरोध समाप्त होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। एजेंसी