अन्तर्राष्ट्रीय

पाक में सक्रिय आतंकी संगठनों पर अमेरिका कर सकता है सीधी कार्रवाई

ट्रंप प्रशासन ने पहली बार माना है कि अलकायदा और आइएसआइएस जैसे आतंकी संगठनों का पाकिस्तान की छत्रछाया में पल बढ़ रहे लश्करे तैयबा, जैश ए मोहम्मद और हक्कानी नेटवर्क के साथ गहरा नाता

नई दिल्ली। राष्ट्रपति के रूप में अमेरिकी कांग्रेस को डोनाल्ड ट्रंप के पहले संबोधन के बाद पाकिस्तान में चल रहे आतंकी संगठनों पर गाज गिरना तय हो गया है। जहां एक ओर ट्रंप ने आतंकवाद को जड़मूल से खत्म करने का एलान किया है, वहीं उनके प्रशासन ने इसके लिए पूरा रोडमैप भी तैयार कर लिया है।

इस रोडमैप में इराक, सीरिया और अफगानिस्तान के साथ-साथ पाकिस्तान के भीतर सक्रिय आतंकी संगठनों के खिलाफ सीधी कार्रवाई भी शामिल है। ट्रंप प्रशासन ने पहली बार माना है कि अलकायदा और आइएसआइएस जैसे आतंकी संगठनों का पाकिस्तान की छत्रछाया में पल बढ़ रहे लश्करे तैयबा, जैश ए मोहम्मद और हक्कानी नेटवर्क के साथ गहरा नाता है।

दरअसल ट्रंप प्रशासन में नवनियुक्त रक्षामंत्री जेम्स मैटिस ने पिछले हफ्ते आतंकवाद के खिलाफ निणार्यक कार्रवाई का खाका तैयार कर राष्ट्रपति को भेज दिया है। इसमें इराक और सीरिया के साथ-साथ अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों को खत्म करने भी रणनीति है।

वैसे इस रणनीति के बारे में ट्रंप प्रशासन ज्यादा कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन अफगानिस्तान में अमेरिकी और नाटो सेना के कमांडर जनरल जॉन निकोल्सन ने साफ कर दिया है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन एक-दूसरे को मदद कर रहे हैं और उनपर एक साथ प्रहार करना होगा। अमेरिकी मिलिट्री एकेडमी के कार्यक्रम में बोलते हुए जनरल निकोलस ने कहा कि पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन लश्करे तैयबा, जैश ए मोहम्मद, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क का अलकायदा और आइएसआइएस के साथ गहरा रिश्ता है। ये सभी संगठन एक साझा उद्देश्य को लेकर सक्रिय हैं और उनके खिलाफ एक साथ कार्रवाई करनी होगी।

ध्यान देने की बात है कि भारत और अफगानिस्तान लंबे समय से पाकिस्तान पर आतंकियों को प्रश्रय देने का आरोप लगाते रहे हैं। सबूतों के साथ भारत ने जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रस्ताव भी किया, लेकिन पाकिस्तान ने चीन की मदद से इसे वीटो करा दिया था। लेकिन अमेरिका अब पाकिस्तान में सक्रिय आतंकियों पर शिकंजा करने में खुलकर मदद कर रहा है।

पिछले हफ्ते फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक में अमेरिका की मदद से भारत पाकिस्तान को नोटिस थमाने में सफल रहा। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को तीन महीने के भीतर आतंकी फंडिंग रोकने के लिए ठोस कार्रवाई कर उसकी रिपोर्ट देने को कहा है। इसके पहले अमेरिका ने अपनी ओर से मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ में नए सिरे से प्रस्ताव पेश कर चुका है।

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