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पिछले साल CRPF के 56 कर्मियों की कैंसर से मौत, अब उठाए गए कड़े कदम

पिछले साल देश के अग्रणी अंदरूनी सुरक्षा बल सीआरपीएफ के 56 कर्मियों की कैंसर से मौत हो गई और फिलहाल उसके अन्य 179 कर्मी भी इस बीमारी की गिरफ्त में हैं। इस अर्धसैनिक बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस आंकड़े से सवा तीन लाख कर्मियों वाले दुनिया के इस सबसे बड़े केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल ने अपने कर्मियों के परिवारों को पूरी गंभीरता से वार्षिक मेडिकल परीक्षण कराने की सलाह दी है और कहा है कि बीमारी का जल्द पता चलना ही इस समस्या का सफाया करने का एकमात्र उपाय है।

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के प्रवक्ता ने कहा कि बल ने पिछले साल कैंसर से अपने 56 कर्मी गंवाएं और फिलहाल 179 कर्मी उसकी चपेट में है और उनका देश के 37 अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

प्रवक्ता ने कहा कि वैसे यह आंकड़ा बल के कर्मियों की कुल संख्या की तुलना में बहुत कम लग सकता है लेकिन कोशिश यह की जा रही है कि किसी भी कर्मी को यह रोग हो ही नहीं।

इस अर्धसैनिक बल में कर्मियों को जीवनशैली प्रबंधन के प्रति जागरूक बनाने, उपयुक्त आहार से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और नियमित योग करने जैसे बातों की सीख देने के लिए कोर्स चलाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ऐसे मरीजों कों केयरटेकर की सुविधा देना और उन्हें कैंसर के प्रति संवेदनशील बनाना ही कैंसर से लड़ने की रणनीति है।

सीआरपीएफ ने कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एनजीओ ‘कैस सपोर्ट’ के साथ मिलकर रविवार को यहां ‘वाक फार लाईफ’ का आयोजन भी किया है जिसमें बल के प्रमुख ए पी माहेश्वरी ने हिस्सा लिया। सीआरपीएफ केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है।

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