पीएम मोदी के अंतरराष्ट्रीय मिशन 2030 को पूरा करेगा गुड़गांव
अंतरराष्ट्रीय सौर गठजोड़ को प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के प्रेसिडेंट फ्रांस्वा ओलांद ने सोमवार को लांच किया। विकसित और विकासशील देशों के इस गठजोड़ का लक्ष्य स्वच्छ सौर ऊर्जा के उत्पादन में 2030 तक एक लाख करोड़ डॉलर जुटाकर निवेश करने का है।
मोदी ने इस बात की भी घोषणा की कि भारत इस पहल की मेजबानी हरियाणा के गुड़गांव स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी के परिसर में करेगा।
प्रधानमंत्री ने इस गठजोड़ के सदस्य देशों को कहा कि ज्यादातर लोगों को साल भर सूर्य की रोशनी मिलती है। इसके बावजूद कई के पास ऊर्जा का कोई स्रोत नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत इसके लिए जमीन उपलब्ध कराने के साथ-साथ तीन करोड़ डॉलर का योगदान करेगा ताकि इस शुरुआत के सचिवालय के बुनियादी ढांचे का निर्माण हो सके और अगले पांच वर्षों तक इसके परिचालन में सहयोग किया जा सके।
भारत के प्रमुख वार्ताकार अजय माथुर ने मंगलवार को बताया कि इंटरनेशनल सोलर एलायंस की स्थायी समिति की पहली बैठक में 22 देशों ने भाग लिया और प्रतिनिधियों ने इसके स्वरूप को लेकर ढेर सारे सुझाव दिए।
इन सुझावों के आधार पर आईएसए का एक मसौदा तैयार किया जाएगा और फिर अबू धाबी में होने वाली अगली बैठक में इस पर विचार किया जाएगा।
ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफीसिएंसी के महानिदेशक माथुर ने बताया कि सौर संसाधनों की बहुलता वाले देशों में सौर ऊर्जा का प्रयोग बढ़ाने में आईएसए काफी कारगर साबित होगा। उन्होंने बताया कि कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच स्थित 121 देशों ने गठबंधन पर हस्ताक्षर किए हैं।