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पीडब्लूडी और एनएचएआई विभाग करेंगे बुंदेलखंड के छह जिलों में खनन

-यूपी कैबनेट का निर्णय

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की अध्यक्षता में लोक भवन में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में राष्ट्रीय राज मार्ग प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग और एक अन्य निर्माण एजेंसी को बालू मौरंग आदि खनन का क्षेत्र आवंटित करने का निर्णय लिया है। जिसके बाद यह विभाग सोनभद्र झांसी, इलाहाबाद महोबा चित्रकूट आदि में खनन का कार्य करा सकेंगे इससे खनिज के अभाव में निर्माण कार्य में पड़ने वाली रूकावट दूर होंगी और सरकार को दो गुना राजस्व भी प्राप्त हो सकेगा। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि यह क्षेत्र आवंटन एक या दो साल के लिए होगा। उन्होंनेे बताया कि मौरंग , बालू के खनन के लिए लोक निर्माण विभाग को सोनभद्र, झांसी, इलाहाबाद, महोबा आदि जिलों में पटटे दिये जाएगें। इसी प्रकार राष्ट्रीय राज मार्ग प्राधिकरण को भी सोनभद्र, महोबा, झांसी बांदा चित्रकूट आदि जिले दिये जाएगें इसके अलावा अन्य सरकारी सड़क निर्माण एजेंसी को भी बुंदेलखंड के जिले आवंटित किये गए हैं। यह विभाग अपने आप या किसी एजेंसी अथवा कंपनी के माध्यम से खनन करा सकेंगे। यह विभाग पर्यावरण का ध्यान रख सकेंगे और निर्माण कार्य करा सकेगें और सरकार को रायल्टी दे सकेंगे। इससे निर्माण कार्य को गति मिलेगी।

राजस्व निरीक्षक के पद अब सीधे प्रोन्नति से भरे जाएगें
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश राजस्व निरीक्षक नियमावली को स्वीकृति दे दी है। अभी तक 4281 राजस्व निरीक्षक के पद हैं। अभी तक राजस्व अधीनस्थ कार्यपालक सेवा नियमावली 2014 में यह प्राविधान था कि 25 प्रतिशत पद लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरे जाते थे। बाकी 75 प्रतिशत पदों में 55प्रतिशत लेखपाल संवर्ग, 18 प्रतिशत अमीन और दो प्रतिशत अमीन भूसर्जक संवर्ग से प्रोन्नति के लिए भरे जाते थे। उन्होंने कहा कि लेखपाल का कोटा कम था। राजस्व निरीक्षक में अनुभवी लोग तैनात हों इसके लिए सारे पद पदोन्नति से भरे जाने का निर्णय लिया गया है। इसमें 21 प्रतिशत लेखपाल संवर्ग से और चार प्रतिशत संग्रह अमीन पदों से भरे जाएगें।

ग्रेनाइट सिलकान के लिए होगी होगी सरकारी नोडल एजेंसी
प्रदेश सरकार ने ग्रेनाइट , सिलकान एवं अन्य खनिज के खनन के लिए ई टेंडर कराने का निर्णय लिया है साथ ही मेंटल स्क्रेप ट्रेडिग नेशनल एजेंसी को नोडल एजेंसी बनाने का निर्णय लिया है। यह एजेंसी पारदर्शी तरीके से काम करेगी। मंत्रिपरिषद ने लघु एवं सीमांत किसानों को कुक्कुट पालन सामग्री खरीदने के लिए नीलामी के लिए ऊंची बोली लगाने को स्वीकृति दी गयी है।

मुख्यमंत्री मलिन बस्ती अवस्थापना सुविधा योजना शुरू
मंत्रिपरिषद ने अल्पसंख्यक मलिन बस्ती उन्नयन योजना का नाम बदल कर मुख्यमंत्री मलिन बस्ती अवस्थापना सुविधा योजना शुरू की है। इसके तहत मलिन बस्तियों में सड़क निर्माण नाली खड़न्जा निर्माण , पानी सफाई आदि के विकास के लिए काम हो सकेगा। इसके लिए मलिन बस्तियों में अवस्थापना सुविधा उपलब्ध करायी जा सकेगी। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्री कांत शर्मा ने बताया कि इस योजना के लिए सरकार ने वर्ष 2017-18 के लिए 365 करोड़ का बजट में प्राविधान किया गया है। यह योेजना प्रदेश सरकार की ओर सो प्रोषित की गयी है।

भू मानचित्रों के डिजिटलीकरण के लिए पांच करोड़ स्वीकृत
मंत्रिपरिषद ने 70 जिलों में भू मानचित्रों के डिजिटइलाइजेशन योजना के लिए पांच करोड़ 21लाख रूपए की धनराशि स्वीकृत की है। प्रवक्ता ने बताया कि अभी तक किसानो को भू मानचित्र सुगमता से उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। प्रवक्ता ने कह कि भू मानचित्रों का डिजिटइलाइजेशन करने से भ् राजस्व मानचित्रों में गड़बड़ी नही हो सकेगी और किसानो को आसानी से भू मानचित्र उपलब्ध हो सकेगें।

 

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