पेंटागन का एलान- सीरिया से लौटेगी अमेरिकी सेना
अमेरिकी सेना के एक प्रवक्ता ने रविवार को विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा, “सीरिया से वापसी (सैनिकों की) के आदेश पर हस्ताक्षर हो चुके हैं।” यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के बीच सहमति के बाद उठाया गया है।
तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा कि ट्रंप और एर्दोआन ने रविवार को फोन पर बातचीत की तथा अपने देशों के सैन्य, राजनयिक और अन्य अधिकारियों के बीच समन्वय सुनिश्चित करने पर सहमत हुए, जिससे कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद सीरिया में कोई विपरीत प्रभाव न पड़े।
इससे कुछ घंटे पहले ट्रंप ने ट्वीट किया कि उन्होंने और एर्दोआन ने “सीरिया में आपसी भागीदारी तथा क्षेत्र से अमेरिकी सैनिकों की धीमी और अत्यधिक समन्वित वापसी पर चर्चा की।”
अमेरिका के अनेक नेताओं और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों को लगता है कि यह कदम उठाने में जल्दबाजी की गई है तथा इससे पहले से ही सकंटग्रस्त क्षेत्र और भी अस्थिर फैल सकती है। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने रविवार को कहा था कि वह ट्रंप के इस फैसले से ‘‘बेहद निराश’’ हैं और एक सहयोगी को विश्वसनीय होना चाहिए। ट्रंप ने अचानक से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का निर्णय करते हुए हाल में कहा था कि जिहादी समूहों को व्यापक तौर पर शिकस्त दे दी गई है।
कुछ दिन पहले अमेरिका ने अफगानिस्तान से भी अपने आधे सैनिक वापस बुलाने का निर्णय लिया था। इसके बाद ही अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस और आईएस रोधी गठबंधन के अमेरिकी राजनयिक ब्रेट मैक्गर्क ने इस्तीफा दे दिया था।