पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने का फैसला परिषद करेगी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने का फैसला उचित समय पर जीएसटी परिषद करेगी।श्री कुमार ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए जीएसटी परिषद विचार करेगी और इसके लिए उचित समय पर वह निर्णय लेगी। उन्होंने पेट्रोल और डीजल की कीमत में हुई बढ़तरी पर कहा कि केंद्र सरकार देश में पेट्रोल और डीजल के दाम अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के अनुरूप संतुलित रखने के लिए रोजाना कीमत निर्धारण का फॉर्मूला अपनाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम में उतार-चढ़व चलता रहेगा और इस पर हमेशा ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कर से प्राप्त होने वाले राजस्व के सहारे ही देश में विकास की योजनाओं को लागू किया जाता है। श्री कुमार ने बिहार में अरबों रुपये के चर्चित सृजन घोटाला के बारे में पूछे जाने पर कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मामले की जांच कर रही है। इस मामले में संलिप्त लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि मामले से संबंधित सभी दस्तावेज ब्यूरो को सौंप दिये गये हैं। राज्य पुलिस जांच में सीबीआई सहयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे पहले मामले की जांच की जिम्मेवारी आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को सौंपी गई थी। अब सीबीआई जांच चलने के कारण ईओयू की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव की दिल्ली की संपत्ति आयकर विभाग द्वारा जब्त किये जाने के सवाल पर कहा कि जो गड़बड़ करेगा, वह कभी नहीं बचेगा। पद धन अर्जन के लिये नहीं बल्कि काम करने के लिये मिलता है। उन्होंने कहा, ‘कोई अवैध ढ़ग से संपत्ति अर्जित करेगा तो मेरी दृढ़ मान्यता है कि वो संपति उसके काम नहीं आयेगी। लोगों को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम करना चाहिये।’ श्री कुमार ने रेल डीजल इंजन कारखाना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह रेल मंत्री से इस संबंध में व्यक्तिगत रूप से बात करेंगे। रेलवे का धीरे-धीरे विद्युतीकरण हो रहा हैं। इस कार्य में काफी समय लगेगा। ऐसी स्थिति में ज्यादा क्षमता वाले डीजल इंजन की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि यदि यहां अधिक क्षमता वाले डीजल इंजन बनेंगे तो दुनिया में इसकी मांग बढ़गी। मुख्यमंत्री ने धान के बदले चावल योजना के तहत राइस मिलों द्वारा चावल नहीं दिये जाने तथा उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई के सवाल पर कहा कि सरकार इस प्रश्न पर दृढ़ है। राज्य का जो बकाया है, उसे वसूल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने राइस मिल मालिकों पर भरोसा किया था लेकिन राज्य को नुकसान हुआ है। सभी मिलों के खिलाफ मामला चल रहा है। मिल मालिकों से अब तक साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है। जिन्होंने गलती किया है, उन पर कार्रवाई होनी ही चाहिये।