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प्रधानमंत्री के इस्तीफे की खबर का कांग्रेस ने किया खंडन

estifaनई दिल्ली (एजेंसी)। कांग्रेस और केंद्र सरकार ने इन अफवाहों का खंडन किया है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का रास्ता साफ करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शुक्रवार को प्रेस वार्ता के दौरान इस्तीफे की घोषणा करेंगे। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) ने इसे वंशवादी राजनीति करार दिया है। टेलीविजन चैनलों से सूत्रों के हवाले से खबर प्रसारित की गई है कि 3 जनवरी को प्रधानमंत्री अपनी तय प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का रास्ता साफ करने के लिए इस्तीफा दे सकते हैं। सरकार ने इस खबर से इनकार किया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने मनमोहन सिंह के इस्तीफे के सवाल पर कहा ‘‘यह खबर पूरी तरह आधारहीन है और यह अटकलबाजी पर आधारित है। मैं तो इसे जवाब देने के लायक भी नहीं समझता।’’ उन्होंने टाइम्स नाउ चैनल से कहा ‘‘मीडिया कहती रहती है कि प्रधानमंत्री मीडिया से बात नहीं करते और अब जब उन्होंने 2०14 की शुरुआत में प्रेस वार्ता की स्वीकृति दी है तो भी अटकलबाजी की जा रही है मैं समझता हूं कि यह गलत है।’’कांग्रेस प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में राहुल के नाम की घोषणा कब करेगी इस सवाल पर उन्होंने कहा ‘‘मैं आपको कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सवाल पूछने के लिए कहूंगा उचित समय पर उचित निर्णय लिया जाएगा।’’प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। अगले वर्ष अप्रैल-मई में होने जा रहे आम चुनाव से पहले दिल्ली में पार्टी सम्मेलन करने जा रही है। इस बात का अनुमान जाहिर किया जा रहा है कि इसी दौरान कांग्रेस राहुल गांधी को 17 जनवरी को प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी घोषित करेगी। कांग्रेस ने भी पीएमओ के नजरिए का समर्थन किया। कांग्रेस के प्रवक्ता मीम अफजल ने आईएएनएस से कहा ‘‘जब पीएमओ का इनकार आ गया है तो सफाई देना जरूरी नहीं रह जाता है।’’ उन्होंने हालांकि इस बात का उत्तर देने से मना कर दिया कि क्या राहुल को अगले महीने प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी घोषित किया जा सकता है या नहीं। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार कहा था कि मतदाताओं को स्पष्ट संकेत देने के लिए कांग्रेस को अपने प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी का नाम जाहिर करना चाहिए। इस टिप्पणी के बाद से अनुमान तेज हो गए। कांग्रेस में कई लोगों के यह मानने के कारण कि पार्टी की सरकार बनने की स्थिति में मनमोहन सिंह को शायद ही तीसरे कार्यकाल का मौका मिल सके अनुमान को बल मिला। ऐसा अनुमान लगाने वालों का मानना है कि ऐसी स्थिति में राहुल आगे बढ़ें। लेकिन इस मुद्दे पर नजरिया भिन्न है। कई लोगों का मानना है कि राहुल के नाम की घोषणा से भाजपा के प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को आक्रामक प्रचार में फायदा पहुंचेगा। अन्य लोगों का मनना है कि अधिकृत रूप से राहुल पार्टी में नंबर दो की हैसियत में हैं और वे चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे तो लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री पद के लिए वे स्वाभाविक पसंद होंगे। कांग्रेस की सफाई के बावजूद भाजपा और और आप ने कहा है कि यदि मनमोहन सिंह इस्तीफा देते हैं तो यह वंशवादी राजनीति होगी। भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा ‘‘यदि हम अनुमान को सही मान लें तो वे किसे प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं यह उनका अपना मामला है। लेकिन यदि वे राहुल गांधी को लाते हैं तो यह वंशवादी राजनीति होगी।’’अगले आम चुनाव में राहुल गांधी को अमेठी में चुनौती देने की योजना बना रहे आप के नेता कुमार विश्वास ने कहा ‘‘राहुल गांधी के संपूर्ण राजनीतिक जीवन में गांधी उपनाम के अलावा उनके पास कुछ भी नहीं है।’’ उन्होंने कहा ‘‘अमेठी में हर किसी को स्थिति का पता है। मैं समझता हूं कि कांग्रेस उनकी संसद सीट को बचाए रखने को लेकर डरी हुई है। इसीलिए वे उन्हें प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं। लेकिन तब भी मुश्किल होनी है क्योंकि लोगों ने फैसला ले लिया है।’’

 

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