राष्ट्रीय
प्रमोशन चाहिए तो घर के पास रहें कर्मचारी
जनजातीय जिला लाहौल स्पीति, पांगी, भरमौर और किन्नौर जिलों में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों को एक फीसदी कोटे के तहत अपने गृह जिला से दूसरी जगह तबादला कराना नुकसानदेह साबित हो सकता है। यदि किसी कर्मचारी ने इस कोटे के
तहत जनजातीय क्षेत्रों से तबादला करवाया तो प्रमोशन रुक सकता है। कर्मचारी को सेवाकाल में वरिष्ठता अपने जिला में सेवारत रहते हुए ही मिलेगी। हालांकि, लाहौल स्पीति जिला से डेढ़ दर्जन से अधिक शिक्षकों ने इस कोटे के तहत तबादले के लिए आवेदन किया है लेकिन किसी का अभी तबादला नहीं हुआ है।
जनजातीय क्षेत्रों में तैनात ये कर्मचारी अपनी वरिष्ठता खोने के डर से एक फीसदी कोटे के तहत दूसरे जिलों में जाने के लिए कम आवेदन कर रहे हैं। पहले स्थानांतरण प्रक्रिया में पांच फीसदी कोटा था।
जिसे सितंबर 2009 में सरकार ने एक फीसदी कर दिया था। शिक्षा उप निदेशक प्रेमनाथ परशीरा ने भी माना कि वरिष्ठता सूची और प्रमोशन नियम कड़े करने से अब कर्मचारी गृह जिला छोड़कर दूसरे जिलों में जाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।