प्रियंका चुनी गईं मिस जापान, तो छिड़ा ऐसा विवाद
टोक्यो। जापान में नए तरह का बवाल मचा है। सौंदर्य स्पर्धा में भारत से संबंध रखने वाली प्रियंका योशीकावा को मिस जापान चुना गया। प्रियंका के पिता भारतीय हैं और मां जापानी। इसके बाद देश में नस्ली समानता की नई बहस छिड़ गई है।
प्रियंका को ताज पहनाए जाने के बाद से जापान की सोशल मीडिया पर यह ट्रेंड करने लगा कि मिस यूनिवर्स जापान पूरी तरह से जापानी होना चाहिए न कि आधा यानी हाफू (जापानी शब्द)। यहां पर हाफू शब्द का इस्तेमाल मिश्रित नस्ल को लेकर किया गया है। लोगों का कहना है कि मिस जापान पूरी तरह जापानी होना चाहिए।
प्रियंका दूसरी ऐसी सुदंरी है जो जापान का प्रतिनिधित्व करेगी। इससे पहले पिछले साल अरियाना मियामोतो को यह सम्मान मिला था।
प्रियंका योशीकावा का जन्म टोक्यो में हुआ है। उनके पिता भारतीय हैं जबकि मां जापानी। अब प्रियंका ने जापान में नस्ली पूर्वाग्रह के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया है।
उनका कहना है, ‘हम जापानी हैं। हां, मैं आधी भारतीय हूं और लोग मुझसे मेरी नस्ली शुद्धता के बारे में पूछते हैं। मेरे पिता भारतीय हैं और मुझे इस पर गर्व है, मुझे गर्व है कि मेरे अंदर भारतीयता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं जापानी नहीं हूं।’
22 साल की प्रियंका धाराप्रवाह जापानी और अंग्रेजी बोलती हैं। उन्होंने हाथियों के प्रशिक्षण का लाइसेंस भी मिला हुआ।
अरियाना की कहानी
प्रियंका से एक साल पहले ही अरियाना मियामोतो जापान का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली अश्वेत महिला बनी थी। तब उन्हें भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।
बहरहाल, प्रियंका के मुताबिक, अरियाना से पहले मिश्रित नस्ल की लड़कियां जापान का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती थी।