श्रीनगर गढ़वाल: वरिष्ठ वनस्पति वैज्ञानिक प्रो. अजयबल्लभ भट्ट गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया गया है। उन्होंने कुलपति पद का कार्यभार ग्रहण कर लिया। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय से गढ़वाल केंद्रीय विवि के कुलसचिव को ईमेल से आदेश मिले थे कि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर को कुलपति पद का चार्ज दे दिया जाए। प्रभारी कुलसचिव के मेडिकल अवकाश पर रहने से विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव प्रशासन को इस पर तुरंत कार्यवाही करने के लिए कहा गया।
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने बीते 28 दिसम्बर को तत्कालीन कुलपति प्रो. जवाहरलाल कौल को बर्खास्त करने के बाद कुलपति पद को लेकर विश्वविद्यालय में छायी अनिश्चितता अंतत: दूर हुई। इसी बीच बीते शनिवार को विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति पद पर कार्य कर रहे प्रो. डीएस नेगी ने भी स्वयं ही कुलपति (प्रभारी) का कार्यभार ग्रहण करने का आदेश भी जारी कर दिया था, जिससे केंद्रीय विश्वविद्यालय में विचित्र स्थिति बनी हुई थी।
स्वयं ही पैदल चले आए
सीधे और सरल स्वभाव वरिष्ठ वनस्पति वैज्ञानिक प्रो. एबी भट्ट को कुलपति पद पर नियुक्ति की सूचना विवि प्रशासन की ओर से बहुत देर में देर सांय दी गई। तब उपकुलसचिव प्रशासन अपने साथियों को लेकर विवि की कार से सांय को कुलपति को लेने के लिए विश्वविद्यालय से जा रहे थे। तब तक नवनियुक्त कुलपति प्रो. अजयबल्लभ भट्ट पैदल ही चलकर प्रो. जेपी पचौरी के साथ कुलपति कार्यालय पहुंच गए।नवनियुक्त कुलपति प्रो. अजयबल्लभ भट्ट हेलमेट पहने अपने स्कूटर से बिड़ला परिसर श्रीनगर पहुंचे। जहां से विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू प्रो. जेपी पचौरी के साथ वह पैदल ही चलकर विवि कुलपति कार्यालय पहुंचे।
शुरू कराई थी एमएससी बॉटनी की कक्षाएं
वर्ष 1973 में बिड़ला परिसर श्रीनगर में एमएससी बॉटनी की कक्षाएं शुरू करवाने का श्रेय भी प्रो. अजयबल्लभ भट्ट को ही है। 1969 में तत्कालीन बिड़ला कालेज श्रीनगर से ही बीएससी करने के बाद 1972 में नैनीताल से एमएससी बॉटनी कर प्रो. भट्ट 1973 में गढ़वाल विवि के बिड़ला परिसर में ही बॉटनी के प्राध्यापक भी नियुक्त हुए।
गढ़वाल केंद्रीय विवि ईसी के भी हैं सदस्य
गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रो. अजयबल्लभ भट्ट विवि के वरिष्ठतम प्रोफेसर होने के नाते गढ़वाल विश्वविद्यालय कार्य परिषद के भी सदस्य हैं। वर्ष 2013 में विश्वविद्यालय प्राध्यापकों की बनी वरिष्ठता सूची में वर्तमान में वह वरिष्ठतम भी हैं। इसी वरिष्ठता सूची के आधार पर विश्वविद्यालय के 40 विभागों के विभागाध्यक्ष और दस संकाय अध्यक्ष भी नियुक्त हुए हैं।