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फिर सामने आई वीरभद्र और स्टोक्स खेमों की गुटबाजी

vidya-stokes-5694899677eb7_exlstपंचायत चुनाव में हिमाचल कांग्रेस के दिग्गज नेताओं वीरभद्र सिंह और विद्या स्टोक्स के खेमों में फिर गुटबाजी नजर आई है। आईपीएच मंत्री विद्या स्टोक्स के विधानसभा क्षेत्र ठियोग में वीरभद्र समर्थकों ने भी अपने प्रत्याशी उतार दिए। इससे वीरभद्र खेमे के कुछ उम्मीदवार न तो खुद जीत पाए और न ही स्टोक्स समर्थक प्रत्याशी जीत सके।

कभी वीरभद्र सिंह और विद्या स्टोक्स प्रदेश कांग्रेस के दो अलग-अलग ध्रुव थे। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले दोनों एकजुट हुए। वीरभद्र और स्टोक्स में ये राजनीतिक संबंध सुधार लगभग दो दशक बाद हुआ, मगर अब इन दोनों बडे़ नेताओं के समर्थक फिर बंटे नजर आए हैं। विद्या स्टोक्स हिमाचल मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बाद सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं।

वे कांग्रेस की नई सरकार के बनने से लेकर अब तक मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का हर मोर्चे पर साथ दे रही हैं। स्टोक्स के समर्थन से सीएम वीरभद्र सिंह के कई विरोधी कांग्रेस नेता भी शांत पड़ गए हैं। अब पंचायत चुनाव में वीरभद्र सिंह और विद्या स्टोक्स के एकजुट होने के बावजूद उनके समर्थकों में मतभेद नजर आ रहा है। इसी मतभेद से भाजपा में भी विद्या स्टोक्स के पुराने प्रतिद्वंद्वी पूर्व विधायक राकेश वर्मा के पाले में जिला परिषद की ज्यादा सीटें गई हैं।

आईपीएच मंत्री विद्या स्टोक्स के निर्वाचन क्षेत्र ठियोग की सर्वाधिक हॉट सीट जिला परिषद वार्ड देवरीघाट रही है। यहां से स्टोक्स धडे़ का अपना और वीरभद्र खेमे का अलग प्रत्याशी था। सीएम वीरभद्र सिंह के करीबी जिला कांग्रेस अध्यक्ष केहर सिंह खाची के नेतृत्व में चुनाव लड़ीं उम्मीदवार बबीता ठाकुर के तो पोस्टर भी सीएम के फोटो के साथ छापे गए।

इसकी स्टोक्स की ओर से चुनाव आयोग में शिकायत तक की गई है। यहां से तारा हेटा विद्या स्टोक्स खेमे की उम्मीदवार थीं। कांग्रेस के ये दोनों ही उम्मीदवार यहां चुनाव हार गए। इस वार्ड से पूर्व विधायक राकेश वर्मा की पत्नी इंदु वर्मा चुनाव जीतीं। जिला परिषद वार्ड घूंड और संधू से भी स्टोक्स समर्थित उम्मीदवार के खिलाफ कांग्रेस का एक-एक उम्मीदवार खड़ा होने से यहां भी पूर्व विधायक समर्थित भाजपा के उम्मीदवार ही चुनाव जीते।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि आईपीएच मंत्री विद्या स्टोक्स के क्षेत्र में पंचायत चुनाव में जो गलतियां रही हैं, उन्हें गंभीरता से लेंगे। कार्यकर्ताओं ने निचले स्तर पर गड़बड़ी की। सीएम और आईपीएच मंत्री का तो कहीं हस्तक्षेप ही नहीं था। अगर किसी ने किसी नेता के नाम पर चुनाव लड़े तो इसमें बड़े नेता क्या कर सकते थे। इस मामले को देखा जा रहा है।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मुलाकात की और उनसे पंचायत चुनाव के नतीजों पर लंबी चर्चा की। राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मिलने के बाद सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में नगर निकायों के चुनाव में कांग्रेस को भारी जीत मिली है।

इससे पूर्व पंचायत चुनाव में भी कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को अच्छी विजय मिली है। सीएम से भेंट के बाद सुक्खू ने कहा कि पिछले तीन साल के कार्यकाल में कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में विकास के अनेक कार्य किए हैं। इसी का नतीजा है कि पार्टी को भारी जीत मिली है।

इसके अलावा आईपीएच मंत्री विद्या स्टोक्स, पंचायतीराज मंत्री अनिल शर्मा, बिलासपुर के विधायक बंबर ठाकुर, कांग्र्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष हर्ष महाजन ने भी मुख्यमंत्री वीरभद्र से भेंट कर प्रदेश भर में पंचायतों और नगर निकायों के चुनावी नतीजों पर चर्चा की। इनके साथ पंचायतों में विजयी उम्मीदवारों ने भी सीएम से भेंट की।

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