कभी वीरभद्र सिंह और विद्या स्टोक्स प्रदेश कांग्रेस के दो अलग-अलग ध्रुव थे। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले दोनों एकजुट हुए। वीरभद्र और स्टोक्स में ये राजनीतिक संबंध सुधार लगभग दो दशक बाद हुआ, मगर अब इन दोनों बडे़ नेताओं के समर्थक फिर बंटे नजर आए हैं। विद्या स्टोक्स हिमाचल मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बाद सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं।
आईपीएच मंत्री विद्या स्टोक्स के निर्वाचन क्षेत्र ठियोग की सर्वाधिक हॉट सीट जिला परिषद वार्ड देवरीघाट रही है। यहां से स्टोक्स धडे़ का अपना और वीरभद्र खेमे का अलग प्रत्याशी था। सीएम वीरभद्र सिंह के करीबी जिला कांग्रेस अध्यक्ष केहर सिंह खाची के नेतृत्व में चुनाव लड़ीं उम्मीदवार बबीता ठाकुर के तो पोस्टर भी सीएम के फोटो के साथ छापे गए।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि आईपीएच मंत्री विद्या स्टोक्स के क्षेत्र में पंचायत चुनाव में जो गलतियां रही हैं, उन्हें गंभीरता से लेंगे। कार्यकर्ताओं ने निचले स्तर पर गड़बड़ी की। सीएम और आईपीएच मंत्री का तो कहीं हस्तक्षेप ही नहीं था। अगर किसी ने किसी नेता के नाम पर चुनाव लड़े तो इसमें बड़े नेता क्या कर सकते थे। इस मामले को देखा जा रहा है।
इससे पूर्व पंचायत चुनाव में भी कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को अच्छी विजय मिली है। सीएम से भेंट के बाद सुक्खू ने कहा कि पिछले तीन साल के कार्यकाल में कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में विकास के अनेक कार्य किए हैं। इसी का नतीजा है कि पार्टी को भारी जीत मिली है।
इसके अलावा आईपीएच मंत्री विद्या स्टोक्स, पंचायतीराज मंत्री अनिल शर्मा, बिलासपुर के विधायक बंबर ठाकुर, कांग्र्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष हर्ष महाजन ने भी मुख्यमंत्री वीरभद्र से भेंट कर प्रदेश भर में पंचायतों और नगर निकायों के चुनावी नतीजों पर चर्चा की। इनके साथ पंचायतों में विजयी उम्मीदवारों ने भी सीएम से भेंट की।