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फ्लोर टेस्ट में पास या फेल होंगे नीतीश! 11 यादव, 5 मुस्लिम MLA बिगाड़ सकते हैं गणित

मोदी लहर का विजय रथ रोकने के लिए बना महागठबंधन एक पल में गिर गया है और इसकी वजह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। अब नीतीश ने दोबारा राज्य के सीएम पद पर शपथ ले ली हो, लेकिन उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि नीतीश के एनडीए का दामन थामने के बाद जेडीयू में कई बड़े नेता समेत उसके विधायक भी नाराज दिख रहे हैं। पार्टी के दिग्गज नेता शरद यादव और सांसद अनी अनवर भी इस बड़े कदम पर इशारों में नाराजगी जता चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के करीब 16 ऐसे विधायक हैं, जो नीतीश के विरोध में जा सकते हैं, जिसमें से 11 यादव और 5 मुस्लिम विधायक हैं। अगर ये विधायक बागी हो जाते हैं, तो ये जेडीयू-एनडीए गठबंधन के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।

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फ्लोर टेस्ट में पास या फेल होंगे नीतीश! 11 यादव, 5 मुस्लिम MLA बिगाड़ सकते हैं गणितक्योंकि, बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं। बहुमत के लिए 122 विधायकों का समर्थन जरूरी है। हालांकि, नीतीश (71) और बीजेपी (53) विधायकों को मिला दिया जाए तो इस आकंड़े से दो सीटें अधिक हैं, लेकिन बीजेपी से गठबंधन के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि जेडीयू के यादव और मुस्लिम विधायक नीतीश सरकार के खिलाफ फ्लोर टेस्ट में विरोध कर सकते हैं। ऐसा इसलिए माना जा रहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव और सांसद अली अनवर के बागी तेवर खुले तौर पर दिखने लगे हैं।

वहीं विधानसभा में लालू के 80 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 27 विधायक है, जबकि अन्य 05 हैं। अगर जेडीयू के बागी विधायकों के साथ छोड़ने के बाद इन 5 को नीतीश अपनी ओर लाते हैं, तब भी ये बहुमत के लिए काफी नहीं होगा।

बता दें कि लालू के बेटे तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के चलते उन पर इस्तीफे का दबाव बनाया जा रहा था। इस बीच नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़ कर बीजेपी का हाथ पकड़ लिया। उनके इस फैसले पर कांग्रेस और आरजेडी दोनों में खासी नाराजगी देखी जा रही है।

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अली अनवर और शरद यादव नाराज

नीतीश कुमार  के पद से इस्तीफा देकर बीजेपी के साथ सरकार बनाने के कदम का जेडीयू में ही तीखा विरोध हो रहा है। जेडीयू सांसद अली अनवर की ओर से खुलकर नीतीश कुमार के विरोध के बाद शरद यादव की भी नाराजगी सामने आ रही है। सूत्रों का कहना है कि शरद यादव नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ जाने के फैसले से बेहद नाराज हैं। 

उन्होंने कुछ दिनों पहले ही कहा था कि सभी दलों को मिलकर महागठबंधन को संभालना होगा, पर नीतीश कुमार के इस कदम से उन्हें भी झटका पहुंचा है। एक तरफ नीतीश कुमार और सुशील मोदी मुख्यमंत्री-उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे, तो दूसरी तरफ शरद यादव ट्विटर पर केंद्र सरकार को उसकी विफलताओं को लेकर कोस रहे थे।

शरद यादव ने ट्विटर पर लिखा कि फसल बीमा योजना केंद्र सरकार की विफल नीतियों में से एक है। उन्होंने लिखा कि फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा, क्योंकि उन्हें इसके बारे में पता ही नहीं है। इसका फायदा किसानों को नहीं, इंश्योरेंस देने वाली कंपनियों को मिल रहा है, क्योंकि किसान तो अनजान हैं, पर उनके लोन खातों से फसल बीमा योजना के पैसे सीधे इंश्योरेंस प्रोवाइडर कंपनियों के पास पहुंच रहे हैं।

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