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बजट की नई व्यवस्था में मिलता है टैक्स बचाने का विकल्प: राजस्व सचिव

बजट 2020-21 में प्रस्तावित में नई आयकर की दरों में कमी से ऐसे लोगों के हाथों में ज्यादा नकदी बचेगी, जो कर बचाने के लिए निवेश नहीं करना चाहते हैं। राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने सोमवार को यह बात कही।

हमने नहीं लगाई कोई बंदिशें – पांडे
एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि बजट में प्रस्तावित नई व्यवस्था में कम आयकर के लिए सभी को मौजूदा एक्जंप्शन और डिडक्शन छोड़ने का विकल्प दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘हम नहीं कह रहे हैं कि कौन-सा विकल्प फायदेमंद है और कौन-सा फायदेमंद नहीं है। हमने एक विकल्प दिया है। हमने किसी पर बंदिशें नहीं लगाई हैं। इस प्रस्ताव से किसी को सिर्फ फायदा हो सकता है, किसी को नुकसान नहीं होगा।’ उन्होंने कहा कि करदाताओं को 50 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन और बचत योजना में 1.50 लाख रुपये के निवेश और आय के आधार पर 5 फीसदी, 10 फीसदी, 30 फीसदी कर के भुगतान के विकल्प को बनाए रखा गया है।

वैकल्पिक तौर पर कर सकते हैं नई व्यवस्था का रुख
वैकल्पिक तौर पर वे नई व्यवस्था का रुख कर सकते हैं और एक्जंप्शन का दावा करने के लिए निवेश किए बिना कम आयकर का भुगतान कर सकते हैं। नई कर व्यवस्था में 2.5 लाख से पांच लाख रुपये के बीच सालाना आय पर पांच फीसदी कर लगाया जाता है। हर 2.5 लाख रुपये बढ़ने पर क्रमश: 10 फीसदी, 15 फीसदी, 20 फीसदी और 25 फीसदी कर लगाया जाता है। 15 लाख रुपये से ज्यादा आय पर 30 फीसदी कर वसूला जाता है।

वित्त मंत्री ने बताया ऐसे बचेंगे 78 हजार
बजट 2020 में आम करदाताओं की सुविधा के लिए वित्त मंत्री ने नए आयकर स्लैब की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने 15 लाख सालाना आय वालों का उदाहरण देते हुए बचत का सपना दिखाया। उन्होंने कहा, इस आयवर्ग वालों को अभी 2.73 लाख रुपये टैक्स देना पड़ता है, नया विकल्प अपनाने पर 1.95 लाख रुपये देना होगा। यानी, उसका कर भार 78 हजार रुपये कम हो जाएगा।

नया विकल्प चुना, तो नहीं मिलेंगे ये फायदे

वेतनभोगी कर्मचारियों लीव ट्रैवेल अलाउंस, आवास भत्ता, 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट नहीं मिलेगी।

आयकर अधिनियम सेक्शन 16 के तहत मनोरंजन भत्ता और एंप्लॉयमेंट/प्रफेशनल टैक्स के लिए डिडक्शन।

हाउजिंग लोन के ब्याज पर मिलने वाली छूट।

सेक्शन 57 के तहत फैमिली पेंशन पर छूट।

80डी के तहत मेडिकल इंश्योरेंस पर छूट।

सेक्शन 80डीडी तथा 80डीडीबी के तहत विकलांगता के लिए मिलने वाली छूट।

80सी के तहत मिलने वाली छूट।

सेक्शन 80ई के तहत एजुकेशन लोन पर मिलने वाली छूट।

सेक्शन 80जी के तहत धर्माथ संस्थाओं दिए गए दान पर छूट।

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