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आज RBI की मीटिंग, 0.25% बढ़ सकती है ब्याज दर, क्या होंगे सभी लोन महंगे… जानें यहां

नई दिल्ली. एक बड़ी खबर के अनुसार, जहां भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक (Monetry Policy Meeting) आज, यानी 6 अप्रैल को खत्म हो रही है। वहीं जानकारों की मानें तो RBI गवर्नर शक्तिकांत दास रेपो रेट में 0.25% की बढ़ोतरी का ऐलान कर सकते हैं। वहीं फिलहाल यह रेपो रेट 6.50% है। अगर ऐसा होता है तो अब आपके-हमारे लिए लोन लेना और भी महंगा हो जाएगा।

जानकारी हो कि, मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग वैसे हर दो महीने में होती है। हालांकि बीते वित्त वर्ष 2022-23 की पहली मीटिंग अप्रैल-2022 में हुई थी। तब RBI ने रेपो रेट को 4% पर स्थिर रखा था, लेकिन फिर RBI ने 2 और 3 मई को इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर रेपो रेट को 0.40% बढ़ाकर 4.40% तक कर दिया था।

दरअसल 22 मई 2020 के बाद रेपो रेट में ये बदलाव हुआ था। इसके बाद फिर 6 से 8 जून को हुई मीटिंग में रेपो रेट में 0.50% इजाफा किया गया था। इससे रेपो रेट 4.40% से बढ़कर 4.90% हो गई। फिर अगस्त में इसे और 0.50% बढ़ाया गया, जिससे ये 5.40% पर पहुंच गई थी। वहीं बीते साल सितंबर में ब्याज दरें 5.90% हुईं फिर दिसंबर में ब्याज दरें 6.25% तक पहुंची। इसके बाद वित्त वर्ष 2022-23 की आखिरी मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग फरवरी में हुई थी , जिसमें ब्याज दरें 6.25% से बढ़ाकर 6.50% तक पहुंची दी गयीं थीं।

जानकारी दें कि, रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI द्वारा समस्त बैंकों को कर्ज दिया जाता है। बैंक बाद में इसी कर्ज से अपने ग्राहकों को लोन देते हैं। अब अगर रेपो रेट कम होता है तो बैंक से मिलने वाले कई तरह के लोन सस्ते हो जाएंगे, जबकि रिवर्स रेपो रेट, इस रेपो रेट से ठीक विपरीत होती है।

दरअसल ‘रिवर्स रेट’ वह दर है, जिस पर बैंकों की ओर से जमा राशि पर RBI से ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट के जरिए बाजारों में लिक्विडिटी, यानी नकदी को ​नियंत्रित किया जाता है। रेपो रेट स्थिर होने का मतलब है कि बैंकों से मिलने वाले लोन की दरें भी अब स्थिर रहेंगीं।

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