बजट 2018 के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों से मिलेंगे अरुण जेटली
नई दिल्ली। कृषि, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्श करने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली अब राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ अगले वित्त वर्ष 2018-19 के आम बजट के संबंध में चर्चा करेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए आवंटन और राज्यों के समक्ष चुनौतियों पर चर्चा की जा सकती है।
सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्री 18 जनवरी को राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट-पूर्व चर्चा करेंगे। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब जीएसटी को लागू किए छह महीने हो चुके हैं। माना जा रहा है कि इसमें राज्यों के जीएसटी से अब तक के अनुभव के साथ-साथ राज्यों के समक्ष चुनौतियों पर भी चर्चा हो सकती है।
सूत्रों ने कहा कि बैठक में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र की केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए आम बजट में आवंटन बढ़ाने तथा इनका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने पर भी चर्चा हो सकती है। साथ ही कृषि क्षेत्र की हालात सुधारने के संबंध में भी राज्य अपनी फरमाइशें रख सकते हैं। चालू वित्त वर्ष में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों ने किसानों के लिए कृषि ऋण माफी की घोषणा की है। ऐसे में राज्यों के समक्ष कई तरह की वित्तीय चुनौतियां बढ़ गयी हैं।
कुछ राज्यों की विशेष दर्जा की मांग रही है। सूत्रों ने कहा कि कुछ राज्य इस बैठक में यह मुद्दा उठा सकते हैं। विगत में उड़ीसा, राजस्थान और बिहार ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग की है। इसके अलावा पर्वतीय और सीमावर्ती राज्यों के महत्व के मुद्दे भी वहां के वित्त मंत्री इस बैठक में रख सकते हैं।
लोक लुभावन नहीं होगा वित्त वर्ष 2018-19 का आम बजट: रतिन रॉय
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के सदस्य रतिन रॉय ने कुछ समय पहले कहा था कि केंद्र सरकार की ओर से पेश किया जाने वाला अगला आम बजट लोक लुभावन नहीं होगा और यह और खर्च की गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करेगा। आपको बता दें वित्त वर्ष 2018-19 के लिए पेश किया जाने वाला बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के लिए आखिरी पूर्ण बजट भी होगा।
क्या कहा था रॉय ने
रॉय ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से एक और अच्छा बजट पेश किया जाएगा, जिसके अगले साल 1 फरवरी को पेश किए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता है कि केंद्र सरकार कोई लोक-लुभावन बजट लाएगी। सरकार एक जिम्मेदार बजट पेश करने की कोशिश करेगी, जिसमें खर्च की गुणवत्ता और वादों पर पूरा ध्यान दिया जाएगा। मुझे नहीं लगता कि सरकार बजट को लोकलुभावन बनाने का प्रयास करेगी। मुझे पूरा भरोसा है कि राजनीति से जुड़े लोग भी इसे अच्छे से समझेंगे।”