बाजार में साल की सबसे बड़ी गिरावट
मुंबई। कच्चे तेल में जोरदार गिरावट और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोर ने देश में चौतरफा हाहाकार मचा दिया। घरेलू शेयर बाजार औंधे मुंह लुढ़का और साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई तो सोने और चांदी में भी कारोबारियों ने जमकर मुनाफावसूली की। कमजोर आर्थिक आंकड़ों व वैश्विक बाजारों में तेज गिरावट के बीच विदेशी निवेशकों की मुनाफावसूली से बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स मंगलवार को 538.12 अंक टूट गया। यह इस साल की सबसे बड़ी गिरावट है। 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 538.12 अंक के नुकसान के साथ 26,781.44 अंक पर आ गया। इससे पहले, सेंसेक्स में 3 सितंबर, 2013 को सबसे बड़ी गिरावट आई थी, जब यह 651 अंक का गोता खाकर बंद हुआ था। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 8,100 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे आकर दिन के निचले स्तर 8,052.60 अंक पर आ गया। हालांकि, यह 152 अंक नीचे 8,067.60 अंक पर बंद हुआ। सोने का आयात छह गुना बढ़ने की वजह से नवंबर में भारत का व्यापार घाटा डेढ़ साल के उच्च स्तर 16.86 अरब डॉलर पर पहुंच गया। साथ ही एशियाई बाजारों में प्रमुख चीन में औद्योगिक गतिविधियों में गिरावट और यूरोपीय बाजारों के लाल निशान के साथ काम करने से भी कारोबारियों की धारणा प्रभावित हुई। सेबी के आरंभिक आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने सोमवार को भारतीय बाजार में 455.72 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स 3.36 फीसदी टूटा, जबकि मिडकैप इंडेक्स 2.96 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ।