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बारिश के चलते फंसे 1500 कैलाश मानसरोवर यात्री, 150 को बचाया गया, दो की मौत


काठमांडू : कैलाश मानसरोवर की यात्रा से लौट रहे 1500 तीर्थयात्री बारिश के चलते फंस गये, जिसमें से नेपाल के नेपालगंज और सिमिकोट से करीब 150 लोगों को बचाया गया है। मौसम जैसे-जैसे साफ हो रहा है, इन तीर्थयात्रियों को फ्लाइट के जरिए वापस लाया जा रहा है, फंसे हुए श्रद्धालुओं में से 2 लोगों की मौत भी हो गई है। श्रद्धालुओं के लिए अब भी बचाव अभियान चलाया जा रहा है, मरने वाले 2 श्रद्धालुओं में एक महिला और एक पुरुष शामिल है। केरल की लीला नारायण और आंध्र प्रदेश के सत्यलक्ष्मी नारायण शामिल हैं। भारतीय दूतावास के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक 150 तीर्थयात्रियों को सिमिकोट से निकाल लिया गया है। इस काम में सात व्यावसायिक उड़ानों का इस्तेमाल किया गया है।

इससे पहले, भारतीय दूतावास ने यहां एक बयान में बताया कि करीब 525 भारतीय तीर्थयात्री हुमला जिले के सिमिकोट में, 550 हिलसा में और 500 के करीब तिब्बत की तरफ फंसे हुए हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि दूतावास ने अपने प्रतिनिधियों को नेपालगंज और सिमिकोट भेजा है, जो वहां फंसे सभी तीर्थयात्रियों के संपर्क में हैं, उनको हर संभव मदद दी जा रही है, उनके वहां रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है, इनको चिकित्सा सुविधा और खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है। मंत्रालय ने कहा कि सिमिकोट में चिकित्सा कर्मियों को भेजा गया है, ताकि बुजुर्ग तीर्थयात्रियों को मेडिकल सुविधाएं मिलती रहें और उनके स्वास्थ्य की जांच होती रहे। इसके अलावा इन तीर्थयात्रियों को वहां से निकालने के लिए वैकल्पिक रास्ते पर भी विचार किया जा रहा है। पूरे इलाके में मौसम बेहद खराब है, जिसके चलते तीर्थयात्रियों को निकालना मुश्किल हो रहा है। स्थानीय एयरलाइंस से अतिरिक्त एयरक्राफ्ट को तैयार रखने के लिए कहा गया, ताकि मौसम साफ होते ही नेपालगंज और सिमिकोट में फंसे तीर्थयात्रियों को जल्द से जल्द निकाला जा सके।

तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए दूसरे रूट का भी इस्तेमाल किया जाए, इसके अलावा बीमार लोगों को जल्द से जल्द हेलिकॉप्टर के जरिए निकालने की कोशिश की जा रही है। वहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने रास्ते फंसे अपने प्रदेश के मानसरोवर तीर्थयात्रियों के बारे में जानकारी ली। चीन-नेपाल सीमा पर हिलसा में करीब 100 तेलुगु तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सहायता मुहैया कराने को कहा है। इन तीर्थयात्रियों ने मेडिकल सुविधा मांगी।

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