पटना(एजेंसी)। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद)-जनता दल (युनाइटेड) व कांग्रेस समेत कुछ अन्य दलों के राजनीतिक महागठबंधन में सीट बंटवारे की घोषणा के बाद दरार आ गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और समाजवादी पार्टी के नेता सीट बंटवारे के विरोध में खुलकर सामने आ गए हैं। राजद-जदयू और कांग्रेस द्वारा पटना में बुधवार को आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीट बंटवारे की घोषणा करते हुए कहा था कि जदयू और राजद 1००-1०० सीटों पर जबकि कांग्रेस 4० सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बिहार में कुल 243 विधानसभा सीट हैं। इस घोषणा के बाद राकांपा और समाजवादी पार्टी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए विरोध प्रारंभ कर दिया है। नाराज दलों के अनुसार महागठबंधन में उन्हें उचित जगह नहीं दी गई है।
राकांपा के वरिष्ठ नेता और सांसद तारिक अनवर ने गुरुवार को कहा है कि सीट बंटवारे को देखकर तो यही लगता है कि महागठबंधन में राकांपा की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘महागठबंधन के नेताओं को लगता है कि बिहार के मुसलमान मजबूरी में उन्हें वोट देंगे। अगर सीटों के बंटवारे का मामला नहीं सुलझा तो उनके विकल्प खुले हुए हैं। वे अनुकूल विकल्प को लेकर रणनीति बनाएंगे।’’इस बीच समाजवादी पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र सिंह यादव ने सीट बंटवारे में सपा की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि जरूरत पड़ी तो छोटे-छोटे उपेक्षित दलों को एकजुट कर सभी 243 सीटों पर सीधी लड़ाई लड़ेंगे। ऐसे में सभी छोटे दल मिलकर तीसरे मोर्चे का गठन कर सकते हैं। इधर, जद (यू) के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि सपा और राकांपा महागठबंधन में मुख्य दल हैं। अगर उनकी कोई शिकायत होगी तो सीट बंटावारे को लेकर बात की जाएगी। इसमें कोई परेशानी नहीं है।