उत्तर प्रदेश

‘बुआ-भतीजे’ ने यूपी की सड़कों का किया बेड़ा गर्क: केशव मौर्य

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और लोक निर्माण विभाग के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मायावती तथा अखिलेश यादव पर अपने-अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में सडकों को बदहाल करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि सूबे की 63 फीसदी सडकों को गढ्ढामुक्त कर दिया गया। मौर्य ने कहा कि ‘बुआ‘(सुश्री मायावती) तथा ‘भतीजे‘(अखिलेश यादव) की सरकारों ने 15 सालों में राज्यों की सडकों का बुरा हाल कर दिया। उनकी सरकारों के कार्यो की जांच करनी पड रही है। कुछ को तो जेल में भेजना पड़ रहा है। अखिलेश यादव और उनकी सरकार में लोक निर्माण विभाग में मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव को कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं है क्योंकि गढ्ढे तो वही छोड़कर गए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार 2019 में प्रयाग में लगने वाले अद्र्धकुम्भ मेले के पहले इलाहाबाद में इनर रिंग रोड का निर्माण करा देगी। इसके साथ ही फाफामऊ में गंगा पर 2400 करोड़ रुपए की लागत से 6 लेन का पुल बनाया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि अयोध्या से चित्रकूट तक 4 लेन का ‘राम वन गमन‘ मार्ग बनाया जाएगा। इसका विस्तृत परियोजना रिपोर्ट(डीपीआर) बनकर तैयार है। आगे की कार्रवाई भी जल्दी पूरी कर ली जाएगी।
मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव सरकार ने उत्तर प्रदेश को 30 वर्ष पीछे धकेल दिया। राजनीतिक अहंकार की वजह से केन्द्र की कई योजनाओं को रोका गया लेकिन अब सरकार भारतीय जनता पार्टी की है। काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। सूबे के 73 मार्गो (2660 किमी) को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंप दिया गया है। इससे राज्य में बेहतरीन सडकों का जाल बिछेगा। उन्होंने बताया कि राज्य में कुल एक लाख 21 हजार 34 किलोमीटर सड़कें गढ्ढायुक्त थीं। इनमें से 76356 किमी को 14 जून तक गढ्ढामुक्त कर दिया गया। शेष को भी गढ्ढामुक्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक लाख करोड़ रुपए की लागत से राज्य में सड़कों का निर्माण होगा। इसमें से दस हजार करोड़ रुपए केन्द्रीय सड़क निधि से मिलेगे। रेल लाइनों पर बनने वाले उपरगामी पुल अब राज्य सेतु निगम बनाएगा। अभी तक इस कार्य में सेतु निगम के साथ ही लोक निर्माण विभाग और रेलवे की भी भागीदारी रहती थी। रेलवे पटरियों के ऊपर के हिस्से पर होने वाले निर्माण का मानचित्र और अन्य आवश्यक चीजें सेतु निगम को सौंपेगा। उन्होंने बताया कि रायबरेली से इलाहाबाद तक सिंगल रेलवे ट्रैक को डबल ट्रैक में बदला जाएगा। इसके लिए केन्द्र सरकार ने सहमति दे दी है।

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