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बेंगलुरु की झीलों पर निजी कंपनियों के साथ सरकार ने भी कर लिया अतिक्रमण

bengluru_650x488_41452259074बेंगलुरु: बेंगलुरु की झीलों पर किए गए अतिक्रमण की रिपोर्ट शुक्रवार को सरकार को सौंप दी गई। अतिक्रमण की जांच के लिए सरकार ने केबी कोलिवाड की अध्यक्षता में विधायकों की एक समिति बनाई थी। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।

सवा चार हजार एकड़ क्षेत्र पर अतिक्रमण
जांच समिति की रिपोर्ट के मुताबिक बेंगलुरु शहर की 823 झीलों के 4,277.25 एकड़ क्षेत्र पर अतिक्रमण हुआ है। इसमें से 2254.21 एकड़ क्षेत्र में अतिक्रमण सरकार ने किया है। निजी कंपनियों ने 2023.4 एकड़ क्षेत्र में अतिक्रमण किया है। अतिक्रमण करने वालों में कई जाने माने बिल्डर शामिल हैं। लेजिस्लेचर समिति ने 11595 लोगों को इस अतिक्रमण के लिए आरोपी बनाया है

पहले सरकार ने जमीन दी, फिर तोड़फोड़ शुरू कर दी
हाल ही में सरकार की एजेंसी बेंगलुरू डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी बीडीए के लेआउट्स पर अतिक्रमण का आरोप लगा और कुछ जगहों पर तोड़ फोड़ हुई। इस पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा क्योंकि जमीन सरकार ने दी जिस पर लोगों ने घर बनाया और फिर सरकार उन्हें अतिक्रमण के नाम पर तोड़ने पर उतारू हो गई। ऐसे में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कांग्रेस के एमएलए केबी कोलिवाड की अध्यक्षता में विधायकों की समिति बनाकर जांच का आदेश दिया था। समिति ने तकरीबन 4 महीने में अपनी रिपोर्ट सरका को सौंप दी। अब सरकार को फैसला करना है कि कर्रवाई कहां-कहां और किस तरह की जाए।

अतिक्रमण हटाने की चुनौती
शहर में सिकुड़ती झीलों और बढ़ते प्रदूषण की वजह से पर्यावरणविद भी सरकार को लगातार चेतावनी दे रहे हैं। सरकार की तरफ से लकेबेड पर जो अतिक्रमण हुआ है  उस पर बस स्टैंड से लेकर मेट्रो रेल का स्टेशन भी बना हुआ है। बीडीए की साइट पर से अतिक्रमण हटाना एक बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि यहां करोड़ो रुपये के मकान बने हैं।

 

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