मंडी (हिमाचल प्रदेश)। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में ब्यास नदी के बहाव में बह गए इंजीनिर्यंरग के 16 विद्यार्थियों और एक टूर ऑपरेटर के शव ढूंढने में जुटी आपदा एजेंसियों ने रविवार को उच्च-प्रौद्योगिकी वाले उपकरण की मदद ली। गाद और शिलाखंडों से पटे नदी की तलहट की बारीकी से खंगाल सकने में सक्षम यह उपकरण भी कोई शव तलाशने में नाकाम रहा। बीते रविवार को हैदराबाद के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र जिस समय नदी किनारे घूमने पहुंचे थे उसी समय पास की लारजी पनबिजली परियोजना के पंडोह बांध से पानी छोड़ा गया जिससे तेज बहाव में 24 छात्र और एक टूर आपरेटर बह गया। अभी तक आठ के शवों को ही बरामद किया जा सका है। पिछले दो दिनों में कोई शव बरामद नहीं हुआ है। राष्ट्रीय आपदा कार्य बल (एनडीआरएफ) के कमान अधिकारी जयदीप सिंह ने आईएएनएस को बताया ‘‘हमने शवों को ढूंढने के लिए नदी तल की तस्वीरें लेने के लिए साइड स्कैन सोनार लगाए हैं। इस अभियान में हमने पहली बार इस उपकरण का उपयोग किया लेकिन कोई शव नहीं मिल सका।’’ इस उपकरण का इस्तेमाल करते हुए पंडोह बांध से लेकर करीब 1० किलोमीटर की दूरी तक नदी की पेटी का स्कैन किया गया। पहले चार दिनों के दौरान आठ शव बरामद हुए थे। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक बरामद हुए ज्यादातर शव घटनास्थल से तीन किलोमीटर के दायरे में या तो नदी की गाद में दबे थे या शिलाखंडों में फंसे हुए थे। घटनास्थल चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग-21 पर स्थित है। यहां डेरा जमाए तेलंगाना के गृह मंत्री नयनी नरसिम्हा रेड्डी ने आईएएनएस से कहा ‘‘हम अब पंडोह बांध के दरवाजे खुलने की उम्मीद कर सकते हैं जिससे जलाशय का जलस्तर तेजी से कम हो और अगर शिलाखंडों या गाद एवं ऊपरी सतह पर शव फंसे हों तो ऊपर आ जाएं।’’