ब्यूरोक्रेट्स पर गिरी मोदी सरकार की गाज, 13 हटाए, 45 की पेंशन में कटौती
मोदी सरकार ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि वो अब तक 13 नौकरशाहों को हटा चुकी है जबकि 45 अन्य की पेंशन में कटौती की गई है. सरकार ने बताया कि ये कार्रवाई सभी की असंतोषजनक परफॉर्मेंस के आधार पर की गई.
सांसदों ने उठाए थे सवाल
राज्यसभा में कुछ सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले एक साल में (मई 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद से) 13 सेंट्रल सिविल सर्विस और ऑल इंडिया सर्विस ऑफिसर्स को बर्खास्त किया गया या अनिवार्य रूप से रिटायर किया गया जबकि 45 सेंट्रल सिविल सर्विस और ऑल इंडिया सर्विस ऑफिसर्स पर पेंशन काटने की पेनल्टी लगाई गई है.
हर 6 महीने में अफसरों का परफॉर्मेंस रिव्यू
जितेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार ने सेंट्रल सिविल सर्विस/ऑल इंडिया सर्विस ऑफिसर्स में अयोग्य अधिकारियों को हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा, ‘ब्यूरोक्रेसी को परफॉर्मेंस ऑरिएंटिड और जिम्मेदार बनाने के लिए सरकार ने हाल ही में सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश जारी किए हैं कि पेंशन नियम 1972 और नियम 16 (3) के तहत नियमित रिव्यू करें.’ जारी किए गए निर्देश में कहा गया था कि सरकार हर छह महीने में ऐसे अफसरों का परफॉर्मेंस रिव्यू करेगी जिनकी उम्र 50/55 साल से कम है या जिन्होंने नौकरी में 30 साल पूरे कर लिए हैं. इसका उद्देश्य ये जानना होगा कि क्या ये ऑफिसर्स सेवा में बने रहने योग्य हैं या नहीं.
छुट्टी पर रहने वाले अफसर लपेटे में
जितेंद्र सिंह ने बताया कि ‘डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग’ यानी डीओपीटी ने सभी विभागों को मेमोरेंडम भेजा है और अफसरों के खिलाफ डिस्प्लिनरी एक्शन के मामलों को भी तय वक्त में निपटाने के लिए कहा है. सिंह के मुताबिक, ब्यूरोक्रेट्स के परमिशन से ज्यादा वक्त तक छुट्टी पर रहने वाले अफसरों के खिलाफ भी निर्देश जारी किए गए हैं. इसके अलावा सरकार उन अफसरों की पेंशन कटौती के बारे में भी विचार कर रही है जिनके खिलाफ केस दर्ज हैं. इस बारे में यूपीएससी से भी चर्चा की जा रही है.