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बड़ा खुलासा सोनिया ने ही कराई थी इंदिरा और राजीव की हत्या

73013-rajiv700_0भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उनकी पत्नी सोनिया गांधी ने ही कराई थी. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व प्रमुख के. एस. सुदर्शन ने इस बात का खुलासा किया है.

सोनिया ने कराई इंदिरा और राजीव की हत्या

आरएसएस के पूर्व प्रमुख के.एस.सुदर्शन  ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी  पर इंदिरा गांधी  और राजीव गांधी  की हत्या की साजिश  रचने का आरोप लगाया। सुदर्शन ने सीआईई भी बताया। सुदर्शन ने यह भी कहा कि सोनिया अपनी मां की अवैध संतान है।K-S--Sudarshan

सुदर्शन ने दावा किया कि जिस समय सोनिया का जन्म हुआ उसके पिता जेल में थे। इस बात को छुपाने के लिए ही वे अपनी जन्मतिथि 1944 के बजाय 1946 बताती हैं। उन्होंने दावा किया कि सोनिया का असली नाम सोनिया माइनो है। और वह सीआईए की एजेंट थी। राजीव गांधी ने ईसाई धर्म ग्रहण कर राबटरे नाम से उससे शादी की। बाद में इंदिरा गांधी ने वैदिक पद्धति से उनकी शादी कराई। इंदिरा गांधी को इस बात की भनक लग गई थी कि सोनिया सीआईए एजेंट है, लेकिन इंदिरा उसका अपने हिसाब से उपयोग करना चाहती थी। पंजाब में आतंकवाद के चरम पर पहुंचने पर सोनिया ने इंदिरा की हत्या का षडयंत्र रचा। इंदिरा गांधी की सुरक्षा से सतवंत सिंह को हटाने की बात हुई थी, लेकिन सोनिया ने यह नहीं होने दिया। जब इंदिरा गांधी को गोली लगी तो उन्हें करीब के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में ले जाने की वजह वह एम्स ले गई थी, जो काफी दूर था। तब तक उनका काफी खून बह चुका था। एम्स के डॉक्टरों ने कहा-ब्राट डेड (यानी रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।) फिर राजीव गांधी को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाने के बाद इंदिरा गांधी की मृत्यु की घोषणा की गई।

सुदर्शन ने दावा किया कि राजीव गांधी को भी सोनिया पर शक हो गया था और वे उसे छोड़ने का मन बना रहे थे। सुदर्शन ने सोनिया पर राजीव की हत्या के षडच्यंत्र का आरोप लगाते हुए कहा कि सोनिया के इशारे पर ही श्रीपेरुंबदुर की सभा में जेड प्लस सुरक्षा नहीं की गई। सुदर्शन ने सवाल किया कि इंदिरा और राजीव दोनों का पोस्टमार्टम क्यों नहीं हुआ? और इस बात की जांच क्यों नहीं होती कि राजीव को जेड प्लस सुरक्षा क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई। संवाददाताओं के पूछने पर उन्होंने कहा कि एक ग्रीक परिवार जो इटली का निवासी है और एक कांग्रेस नेता ने उन्हें यह सारी जानकारी दी। सुदर्शन ने उस नेता का नाम उजागर करने से इनकार कर दिया.

नोट – 2012 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक के पूर्व अध्यक्ष के. एस. सुदर्शन की मृत्यु हो चुकी है और उन्होंने  2010 में  इस बात का खुलासा किया था.

(साभार न्यूज़ मंधन)

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