राज्यराष्ट्रीय

बड़ी खबर: कलेक्टर की बेटी पढ़ेगी सरकारी स्कूल में

रायपुर : आज कल निजी और महंगे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाना स्टेटस सिंबल बन गया है. हालात यह हो गए हैं कि मध्यम तो ठीक निम्न मध्यम वर्ग भी अपनी आर्थिक ताकत से बाहर जाकर अपने बच्चो के उज्जवल भविष्य के सपने संजोते हुए उन्हें निजी स्कूलों में पढ़ा रहा है.जबकि यह भी उतना ही सच है कि सरकारी स्कूलों में भले ही कुछ अव्यवस्थाएं हों , लेकिन परीक्षा परिणाम की सूची में इन निजी स्कूलों के विद्यार्थियों के नाम कम ही नजर आते है. ऐसे में सरकारी स्कूलों का मूल्य समझते हुए छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के कलेक्टर ने अपनी पांच वर्षीय बेटी को महंगी प्राइवेट स्कूल के बजाय सरकारी प्राथमिक स्कूल में दाखिल कराया है. उनका यह प्रयास न केवल अनुकरणीय है, बल्कि प्रशंसनीय भी है. क्या हम अब उम्मीद करें कि कलेक्टर के इस प्रयास से फिर से सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने की परिपाटी शुरू होगी.

ये भी पढ़ें:  मात्र एक नुस्खे से पेट और कमर की चर्बी हो जाएगी बिलकुल गायब !

बड़ी खबर: कलेक्टर की बेटी पढ़ेगी सरकारी स्कूल में गौरतलब है कि राज्य में 15 जून से सरकारी स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई शुरू हो गई है. इस बीच सरकारी और निजी स्कूलों में बच्चों के प्रवेश का सिलसिला भी शुरू हो गया. इसी बीच यहां के सरकारी प्रज्ञा प्राथमिक विद्यालय का स्टाफ उस समय हैरत में पड़ गया जब कलेक्टर अविनाश कुमार शरण ने अपनी पांच वर्षीय बेटी का दाखिला इस सरकारी स्कूल में कराया. स्टाफ का आश्चर्य में पड़ना स्वाभाविक है , क्योंकि कई बड़े नौकरशाहों के बच्चे निजी ब्रांडेड स्कूलों में पढ़ रहे हैं. कई अधिकारियों के बच्चे प्राथमिक शिक्षा के लिए राज्य के बाहर और विदेशो में पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे में एक कलेक्टर की बच्ची का सरकारी स्कूल में दाखिला करवाना वाकई बड़ी खबर है.

ये भी पढ़ें: आखिर क्यों रो पड़े सलमान..

बता दें कि कलेक्टर की इस अनूठी पहल से यह उम्मीद जगी है कि जल्द ही सरकारी स्कूलों के दिन भी फिरेंगे और यहां पहले की तरह छोटे – बड़े हर तबके के लोगों के बच्चे यहां पढ़ेंगे. इससे न केवल साम्प्रदायिक सद्भाव बढ़ेगा, बल्कि ऊंच – नीच की दीवार भी गिरेगी. कलेक्टर की इस पहल का समर्थन करते हुए सरकार ने भी अपने स्तर पर ऐसे प्रयास करने चाहिए जिससे उच्च नौकरशाहों के बच्चे भी इस सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए प्रेरित हों.

 

Related Articles

Back to top button