लखनऊ। समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी कहा है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार की खिलाफत में भाजपा और बसपा दोनों की मिलीभगत उजागर हो गई है। दोनों ही दल अराजकता पैदा करने की कोशिश में लगे रहते हैं। भाजपा सांप्रदायिकता की राजनीति के सहारे सत्ता में आने का सपना देख रही है तो बसपा अध्यक्ष भी अपनी जमीन खिसकती देखकर बौखलाहट में अनापशनाप बोल रही हैं। विपक्ष अपनी लोकतांत्रिक रचानात्मक भूमिका से अलग निरर्थक कसरत में व्यस्त है और वह पूरी तरह बीमार हो गया है। भाजपा ने तुष्टीकरण का पुराना राग अलापते हुए एक नया शिगूफा ष्ष्लव जिहादष्ष् का झूठा राग छेड़ रखा है। इसका उद्देश्य समाज के ताना बाना को छिन्न भिन्न कर देना और उसमें जाति.धर्म के आधार पर बंटवारा कर देना है। सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के उद्देश्य से ही मुजफ्फरनगरए कांठ ;मुरादाबादद्धए मेरठए सहारनपुर में उपद्रवों को बढ़ावा दिया गया। बदायॅू कांड में बसपा ने झूठ का सहारा लेकर समाजवादी सरकार को ही नहीं उ0प्र0 की जनता को भी देश.दुनिया में बदनाम करने की साजिश रची थी। सी0बी0आई का सच सामने आने के बाद अब उन्हें शर्मिंदा होना पड़ रहा हैै। भाजपा.बसपा दोनों ही अपनी जमीन प्रदेश में खो चुके हैं लेकिन उन्हें सोते.जागते सत्ता के सपने दिखाई देते हैं। 2017 ई0 में सत्ता में आने की बात करने का सीधा अर्थ है कि विपक्ष सिर्फ सत्ता के सपने के साथ जीना चाहते हैं और लोकतंत्र में वे विपक्ष की अपनी भूमिका निभाने से परहेज रख रहे हैं। अच्छा होता भाजपा राज्य की चिंता छोड़कर केन्द्र सरकार की भूमिका की प्राथमिकताएं तय कराये। बसपा अध्यक्ष की प्रदेश की सत्ता में वापसी अब संभव नहीं है। राज्य की जनता उनकी लूट और भ्रष्टाचार से बखूबी परिचित है। प्रदेश की समाजवादी सरकार ने किसानों नौजवानोंए गरीबों और अल्पसंख्यको के हित में तमाम कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं और उनसे समाज के सभी वर्गो को लाभ पहुॅचा है। समाज के विभिन्न समुदायों और वर्गो को अब बरगलाया नहीं जा सकेगा। दलित समाज यह अच्छी तरह जानता है कि उनका हित समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ा है। उनका विभिन्न दलों में बहुत शोषण हुआ है और अपने स्वार्थ साधन में उनका इस्तेमाल किया गया है। अब कोई भी भाजपा बसपा के बहकावे मेें आने वाला नही हैं।