भानुप्रताप हत्याकांड का मुख्य आरोपी सूरज सिंह, गैंगस्टर आनन्दपाल से आगरा में मिला था, एटीएस ने दबोचा
बिजौलिया थाना क्षेत्र में अपे्रल 2011 में हुई गैंगस्टर भानुप्रताप सिंह की हत्या के मामले में मुख्य आरोपित तलवंडी कोटा निवासी सूरजसिंह भदौरिया को शनिवार को एटीएस ने आगरा से गिरफ्तार कर लिया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एटीएस) शांतनु कुमार ने बताया कि सूरजसिंह पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया हुआ था। सूरज के भाई जितेन्द्र की गत 12 मई 2009 को मेनाल थाना बेगूं जिला चित्तौडग़ढ में भानुप्रताप सिंह ने अपनी गैंग के साथ मिलकर हत्या कर दी थी।
जितेन्द्र सिंह के साथ बृजराज सिंह की हत्या भी उसी दिन हुई थी। बृजराज सिंह, गैंगस्टर शिवराज सिंह का भाई था। भाई की हत्या का बदला लेने के लिए सूरज सिंह भदौरिया ने बृजराज सिंह के भाई गैंगस्टर शिवराज सिंह से मिलकर पुलिस कस्टडी में भानुप्रताप सिंह की हत्या का प्लान बनाया।
19 अप्रेल 2011 भानुप्रताप सिंह को उदयपुर जिला पुलिस की गार्ड उदयपुर सेन्ट्रल जेल से पेशी पर झालावाड़ लेकर जा रही थी।
रास्ते में बिजौलिया के मेनाल के पास दो गाडिय़ों में आए शिवराज सिंह व सूरज भदौरिया व उनके 16 अन्य साथियों ने पुलिस वैन को पीछे से टक्कर मारी, जिससे वैन असंतुलित होकर डिवाइडर कूद कर रोड के दूसरी तरफ चली गई।
उसके बाद सभी ने राइफलों व पिस्टलों से अंधाधुंध फायरिंग की, जिससे वैन में सवार गैंगस्टर भानुप्रताप सिंह की मौत हो गई। साथ ही उदयपुर के दो पुलिस कमाण्डो प्रकाश व सोहनलाल भी घटना में शहीद हो गए।
पुलिस गार्ड के बाकी सदस्य घायल हुए थे। पुलिस एस्कोर्ट प्रभारी भैरूसिंह की रिपोर्ट पर बिजौलिया थाने में दर्ज मामले में शिवराज व 15 अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सूरजसिंह व नरेन्द्र तभी से फरार चल रहे थे। सूरजसिंह की गिरफ्तारी पर दस हजार रुपए का इनाम घोषित था।
आनंदपाल से मुलाकात की खबर से आया नजर में
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शांतनु कुमार ने बताया कि कुछ समये पहले आगरा व ग्वालियर में सूरज भदौरिया व गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह की मुलाकात होने की खबर मिलने पर सूरज सिंह भदौरिया एटीएस की नजरों में आया।
इसका लगातार पीछा करने के बाद आगरा से गिरफ्तार कर लिया। एटीएस की ओर से आरोपित को आगे की कार्रवाई के लिए भीलवाड़ा पुलिस को सौंपा जाएगा।