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मंत्रिपरिषद ने लिये कई निर्णय

Akhilesh Yadav- Fलखनउ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं जिसमे उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा आयोग के अध्यक्ष की अधिकतम आयु तीन साल के लिए बढ़ाने की अनुमति प्रदान की गयी हैं। इसके अलावा राजकीय महाविद्यालयों में स्ट्रक्चरल ग्लेजिंग की स्वीकृति की गयी है। मंत्रिपरिषद ने मत्स्य विकास निगम के कर्मचारियों को पंचम वेतन देने का निर्णय लिया है। दिलशाद गार्डन दिल्ली से गाजियाबाद तक मेट्रो रेल परियोजना को स्वीकृति दी है। लखनऊ मेट्रो के काम को आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया है जिससे सितम्बर से काम प्रारम्भ हो सके। सरकार ने अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया है। मंत्रिपरिषद के निर्णयो के बारे में सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि अभी तक उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा आयोग के अध्यक्ष की अधिकतम आयु अभी तक 65 साल है जिसे बढ़ाकर 68 साल तक कर दिया गया है। मंत्रिपरिषद ने सदस्यों का कार्यकाल दो वर्ष के स्थान पर पांच वर्ष किए जाने का फैसला लिया जाएगा इसके लिए उ0प्र0 उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2007 में संशोधन हेतु आध्यादेश विधेयक प्रख्यापित करने के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी है।
स्ट्रक्चरल ग्लेजिंग की अनुमति
मंत्रिपरिषद ने राजकीय महाविद्यालयों के भवनों के निर्माण में स्ट्रक्चरल ग्लेजिंग का प्रावधान करने की अनुमति प्रदान कर दी है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान योजनांतर्गत समस्त राजकीय महाविद्यालयों को मॉडल कॉलेज के रूप में विकसित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित है। इसके दृष्टिगत 12 करोड़ रुपए की सीमा में रहते हुए वास्तुविद मद में 7.66 लाख रु0 की प्रस्तावित धनराशि को मंत्रिपरिषद ने फिर से कर दिया है।
मत्स्य पालन को मिलेगा कृषि का दर्जा
मंत्रिपरिषद ने मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा प्रदान करने का फैसला लिया है। इस फैसले से मत्स्य पालन में पूंजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा तथा उत्पादन लागत में कमी आएगी। उपलब्ध जल संसाधनों का मत्स्य पालन हेतु अधिकाधिक उपयोग होने पर मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता में गुणात्मक सुधार होगा।
यू.पी. डास्प नोडल एजेंसी नामित
मंत्रिपरिषद ने प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेशन यूनिट, यू.पी. डास्प को प्रदेश में कृषि विविधीकरण संबंधी कार्यों को क्रियान्वित करने हेतु नोडल एजेंसी नामित करने का फैसला लिया गया है। इस फैसले से राज्य में कृषि विविधीकरण संबंधी परियोजनाओं का गठन, नियोजन व क्रियान्वयन संबंधी कार्य प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेशन यूनिट, यू.पी. डास्प द्वारा किया जाएगा। ‘

बांदा के कृषि विवि का नाम बदला 

मंत्रिपरिषद नें ‘मान्यवर श्री कांशीराम जी कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बांदा’ का नाम परिवर्तित करके ‘बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बांदा’ किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके लिए उत्तर प्रदेश कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2014 के प्रारूप को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

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