भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच का बयान, खिलाड़ियों में है आत्मविश्वास की कमी
भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच मारिने शोर्ड का मानना है कि खिलाड़ी ऊंची रैंकिंग वाली टीमों के सामने आत्मविश्वास की कमी का शिकार हो जाती हैं।
नई दिल्ली। भारतीय महिला हॉकी टीम ने हाल में भले अच्छे नतीजे दिए हों, लेकिन टीम के कोच मारिने शोर्ड का मानना है कि खिलाड़ी ऊंची रैंकिंग वाली टीमों के सामने आत्मविश्वास की कमी का शिकार हो जाती हैं। कोच ने कहा कि वह इस कमी को दूर करने के लिए टीम को व्यस्त रखने का प्रयास कर रहे हैं।
शोर्ड ने पिछले महीने ही महिला टीम के कोच की जिम्मेदारी संभाली है। महिला टीम ने हाल ही में वेस्ट वैंकुवर में हॉकी विश्व लीग राउंड-2 का खिताब जीता है। जीत के साथ टीम हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल में पहुंच गई है, जो विश्व कप क्वालीफायर भी है। नीदरलैंड्स से एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि कभी-कभी भारतीय टीम मैदान में कदम रखने से पहले ही हार जाती है। ऐसा तब होता है, जब वह ऊंची रैंकिंग वाली टीम के सामने खुद को छोटा समझती है। मैं चाहता हूं कि वह दूसरों की बजाय अपने बारे में सोचे। उन्हें अपने लक्ष्य के बारे में सोचना चाहिए और उसे पाने के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए।’
हॉकी विश्व लीग राउंड-2 में भारत के उरुग्वे, चिली और बेलारूस जैसी छोटी टीमों को हराने को वह बड़ी कामयाबी नहीं मानते। उनका कहना है कि मेरा लक्ष्य टीम को 2020 ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंचाना है। उनके मुताबिक, इसके लिए हमें कदम दर कदम चलना होगा।शोर्ड को टोक्यो ओलंपिक तक, चार साल के लिए टीम की जिम्मेदारी दी गई है। संयोग से शोर्ड 2015 में उस नीदरलैंड्स की महिला टीम के कोच थे, जिसने हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल में भारत को 7-0 से हराया था। वह कोच के तौर नीदरलैंड्स की जूनियर महिला टीम को विश्व कप खिताब भी दिला चुके हैं।