अहिल्या बाई ओपन कॉलोनी में रहने का मौका सिर्फ चुनिंदा कैदियों को ही मिलता है। जिन कैदियों को उम्रकैद की सजा मिली हो, मगर अच्छे व्यवहार की वजह से उनकी सजा कम कर दी गई हो और वे दो-तीन साल में रिहा होने वाले हैं, उन्हें यहां शिफ्ट किया जाता है। अपराधियों को बेहतर नागरिक बनाने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत की गई है।