भारत की पहली कोरोना मरीज फिर हुई संक्रमित, कोविड से बचे केरल के एकमात्र गांव में भी मिले दो मामले
भारत की पहली कोरोना मरीज केरल के त्रिशूर जिले की 21 साल की मेडिकल छात्रा एक बार फिर कोविड-19 से संक्रमित हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार ये महिला चीन के वुहान यूनिवर्सिटी की छात्रा है और उसने अभी तक वैक्सीन की कोई डोज भी नहीं ली है। छात्रा के दोबारा कोरोना संक्रमित होने की जानकारी 8 जुलाई को हुए आरटी-पीसीआर टेस्ट के बाद मिली। छात्रा को दिल्ली किसी काम से आना था। इसलिए उसने अपना कोरोना टेस्ट कराया था। उसके टेस्ट का रिजल्ट 9 जुलाई को आया।
कोरोना टेस्ट के नतीजे आने के बाद से छात्रा होम आइसोलेशन में है और उसकी स्थिति स्थिर है। छात्रा के परिवार के सूत्रों के अनुसार पिछली बार की तरह इस बार भी छात्रा के अंदर कोरोना के कोई खास लक्षण नजर नहीं आए हैं। साथ ही पारिवारिक सूत्रों के अनुसार पिछले डेढ़ साल में परिवार के अन्य दूसरे सदस्य भी कोरोना संक्रमित नहीं हुए हैं।
परिवार के अनुसार कोरोना मामलों के बाद चीन के विश्वविद्यालों में पढ़ने वाले कई भारतीय छात्र-छात्राएं पिछले एक साल से भारत में ही हैं। ऐसे कई छात्र इस बात का भी इंतजार कर रहे हैं कि चीन आने वाले दिनों में किसी वैक्सीन को मान्यता देता है ताकि उस हिसाब से टीकाकरण करा सकें। भारत में पिछले साल 30 जनवरी को कोरोना के पहले केस की पुष्टि सरकार द्वारा की गई थी। ये पुष्टि इसी 21 वर्षीय छात्रा में हुई थी। ये छात्रा पिछले साल जनवरी के आखिरी हफ्ते में वुहान में कोरोना के बढ़े मामलों के बाद एक ग्रुप के साथ भारत लौटी थी।
इसके बाद छात्रा को तब गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज में आइसोलेशन में 25 दिनों तक रखा गया था। इसके बाद छात्रा एक महीने तक होम क्वारंटीन में भी रही थी। इसके बाद से वो वर्चुअल माध्यम से अपनी कक्षाएं कर रही है। इस बीच इडुकी जिले के एडामालाकुडी पंचायत में कोरोना के दो मामले सामने आए हैं। यहां 40 साल की एक महिला और 24 साल का शख्स कोरोना संक्रमित पाया गया है।
एडामालाकुडी केरल का एक सूदूर गांव है और राज्य का ये एकमात्रा ऐसा गांव भी था जहां कोविड-19 के कोई मामले अभी तक सामने नहीं आए थे। वहीं पिछले एक साल में केरल में कोविड संक्रमण के 30 लाख मामले सामने आ चुके हैं। बहरहाल, हालात को देखते हुए प्रशासन ने गांव में बाहर से आने वाले लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी है।