भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बन सकते हैं सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत
भारत के तीनों सशस्त्र बलों के लिए स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले के प्राचीर से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को नियुक्त करने की घोषणा की। सीडीएस तीनों सेनाओं के बीच आपसी तालमेल को बेहतर करने का काम करेगा। भारत के रक्षा सुधार के लिए कारगिल युद्ध पर बनी कमेटी की सिफारिश के बाद इसकी मांग की जा रही थी। सीडीएस पांच सितारा जनरल होगा जो थल सेना, वायुसेना और नौसेना के उपर का रैंक होगा। अटकलें हैं कि वर्तमान सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को यह पद दिया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार,एक शीर्ष स्तरीय कार्यान्वयन समिति नवंबर तक सीडीएस के तौर-तरीकों और भूमिका को स्पष्ट करेगी। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होंगे जबकि जनरल रावत का कार्यकाल 31 दिसंबर तक है।
चीफ ऑफ डिफेंस पद बन जाने के बाद युद्ध के समय तीनों सेनाओं के बीच समन्वय स्थापित हो पायेगा। युद्ध के समय सिंगल प्वॉइंट आदेश जारी किया जा सकेगा, जिसका मतलब तीनों सेनओं को एक ही जगह से आदेश जारी होगा। जिससे सेना की रणनीति पहले से अधिक प्रभावशाली हो जाएगी, और कोई कन्फयूजन की कोई स्थिति नहीं होगी। इससे काफी हद तक हम अपना नुकसान होने से बचा पाएंगे।
सीडीएस की वैधानिक स्थिति और प्रोटोकॉल
भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय के सामने सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न सीडीएस की वैधानिक स्थिति और प्रोटोकॉल को लेकर था। मौजूद तीनों जनरल फोर स्टार और रक्षा सचिव के समकक्ष हैं। ऐसे में जरलों के जनरल का ओहदा क्या हो? क्या वह साढ़े चार या फाइव स्टार जनरल हो? रक्षा सचिव से ऊपर या कैबिनेट सेक्रेटरी के बराबर का दर्जा हो? ऐसा होने पर अन्य प्रोटोकॉल की स्थिति फिर क्या हो?
अभी अमेरिका,चीन, यूनाइटेड किंगडम जापान के साथ-साथ कई और देशों के पास चीफ ऑफ डिफेंस का पद है। राष्ट्र सुरक्षा के सभी मामलों से सीमित संसाधनों से साथ निपटने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस के पद की बहुत जरूरत थी। चीफ स्टाफ कमेटी में थलसेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुख शामिल होते है। कमेटी के सबसे वरिष्ठ सदस्य को इसका चेयरमैन नियुक्त किया जाता है।