राष्ट्रीय
भारत में म्रत्यु दंड खत्म करने की योजना नहीं
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर. भारत में मृत्यु दंड को खत्म करने की फिलहाल भारत सरकार की कोई योजना नहीं है. विधि आयोग ने हाल ही में गृह मंत्रालय से यह सिफारिश की थी कि फांसी की सज़ा को खत्म कर दिया जाये. गृह मंत्रालय इस सिफारिश को ख़ारिज करने का मन बना चुका है.
गृह मंत्रालय ने आतंकवाद के खतरों के मद्देनज़र संविधान से मौत की सज़ा को खत्म नहीं करने का फैसला किया है. इस मुद्दे पर केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर बैठक की और म्रत्यु दंड मामले पर विस्तार से चर्चा की. अधिकारियों की राय है कि भारत पर मंडराते आतंकवाद के खतरे की वजह से यहाँ म्रत्यु दंड को खत्म नहीं किया जा सकता.
विधि आयोग ने म्रत्यु दंड रोकने की सिफारिश करते हुए गृह मंत्रालय से कहा था कि यह अपराधों को रोकने के मकसद को पूरा नहीं करता है. विधि आयोग के 9 सदस्यों में से हालांकि विधि सचिव पी.के.मल्होत्रा, विधाई सचिव संजय सिंह और पैनल की स्थाई सदस्य जस्टिस उषा मेहरा ने आयोग की इस सिफारिश से असहमति जताते हुए इसका विरोध किया था. इससे पहले 1967 में विधि आयोग अपनी 35 वीं रिपोर्ट में म्रत्यु दंड बरक़रार रखने का समर्थन भी कर चुका है.