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भारत लाए इराक में मारे गए 38 भारतीयों के शव
इराक के मोसुल में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट द्वारा मारे गए भारतीय नागरिकों के अवशेष को लेकर विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह सोमवार भारत लौटे। वीके सिंह 38 भारतीयों के शवों को लेकर इराक की राजधानी बगदाद से रवाना हुए थे। साल 2014 में मोसुल पर कब्जा करने के बाद आईएस आतंकियों ने 39 भारतीयों की हत्या कर दी थी। एक मृतक की शिनाख्त न हो पाने की वजह से 38 भारतीयों के शव वापस लाए गए हैं। पंजाब सरकार ने मारे गए लोगों के परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है।
बता दें कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बीती 20 मार्च को संसद को बताया था कि इराक में काम कर रहे जिन 39 भारतीयों का 2014 में मोसुल से अपहरण हो गया था, उनकी हत्या हो गई है। सुषमा ने कहा था कि लापता 39 भारतीय नागरिकों में से 38 के डीएनए नमूनों के आधार पर उनकी शिनाख्त हुई थी। मंत्री वीके सिंह अवशेष को लेकर पहले पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचे। सिंह इसके बाद पटना जाएंगे, जहां वह बिहार के मृतक लोगों के अवशेष उनके परिजनों को सौपेंगे। बता दें कि मारे गए 39 लोगों में 27 पंजाब के रहने वाले थे और 4 बिहार के थे।
अमृतसर में पत्रकारों से बात करते हुए वीके सिंह ने कहा कि बहुत मुश्किल से मृतकों का डीएनए सैंपल मैच हुआ। उन्होंने कहा, ‘ट्रेंड लोगों ने पूरी ताकत झोंककर मृतकों के डीएनए सैंपल मैच कराए। यह काफी मुश्किल काम था। भारत सरकार की तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी। मैं चार बार इराक गया था। इसके बाद भारतीयों के अवशेष लाए जा सके हैं।’
सिंह ने कहा, ‘मैं पहली बार 11 जुलाई को इराक गया था। उस समय वहां युद्ध पूरी तरह खत्म नहीं हुआ था। उस समय हमें जो वहां जानकारी मिली वह लेकर मैं चला आया। फिर अक्टूबर में मैं इराक गया। जहां भारतीय लोग काम करते थे उस फैक्ट्री के मालिक को पकड़ा और उससे भारतीयों की जानकारी मांगी। रेडियो पर उदघोषणा करवाई। मोसुल के बदूश पहाड़ी में भारतीयों के अवशेष मिले।’
मृतक के परिजनों को नौकरी के सवाल पर सिंह ने कहा कि देश और राज्य की सरकार मिलकर फैसला लेगी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मृतकों के सभी परिजनों से उनकी परिवार की जानकारी मांगी। जैसी जिसकी योग्यता होगी उसके आधार पर सरकार कोई निर्णय करेगी।