विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने गुरुवार को कहा कि भारत ब्रिटेन के यूरोप संघ से निकलने (ब्रेजिक्ट) के प्रभावों को झेलन में सक्षम है और रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर रघुराम राजन के पद छोडऩे का विशेष असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बैंक की गरिमा बनी रहनी चाहिए।
किम ने दो दिवसीय भारत यात्रा के समापन के अवसर पर मीडिया से बातचीत में कहा कि ब्रेग्जिट को लेकर अनिश्चितता का माहौल बना है। हालांकि, यूरोपीय संघ के अध्यक्ष ने उनसे ब्रिटेन को संघ में बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास करने की बात कही थी। यदि ब्रिटेन संघ से बाहर होता है तो आयरलैंड और स्कॉटलैंड के यूनाइटेड किंगडम से निकलने का खतरा है। उन्होंने कहा कि ब्रेग्जिट का सबसे अधिक असर विकासशील देशों पर होगा। उन्हें पूंजी जुटाने में कठिनाइयों का समाना करना होगा, क्योंकि निवेश सुरक्षित स्थल की ओर जायेंगे।
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में भारत पर इसका कोई विशेष असर नहीं होगा क्योंकि मजबूत विकास के बल पर भारत पूंजी आकर्षित करने में सफल रहेगा। उन्होंने कहा कि राजन के आरबीआई गवर्नर पद से हटने का विशेष असर नहीं होगा।
किम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी आश्वस्त किया है कि राजन के गवर्नर नहीं रहने से विशेष असर नहीं पड़ेगा। विश्व बैंक प्रमुख ने कहा कि उनका खुद का भी ऐसा ही मानना है क्योंकि रिजर्व बैंक एक संस्थान है न कि कोई व्यक्ति विशेष। उन्होंने राजन को बहुत अच्छा आरबीआई गवर्नर बताते हुए कहा कि वह बहुत अच्छे अकादमिक भी हैं।