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भूपति ने पेस मामले में दिया जवाब

नई दिल्ली (एजेंसी)। डेविस कप के लिए भारत के कप्तान महेश भूपति ने कहा कि टीम से लिएंडर पेस को बाहर रखने के पीछे उनका कोई निजी एजेंडा नहीं था। उन्होंने कहा कि पेस का बंगलुरु में मुकाबले के बीच से ही चला जाना उनको नहीं रखे जाने का एक बड़ा कारण बना। उज्बेकिस्तान के खिलाफ भारत के डेविस कप मैच के बाद भूपति ने पेस के साथ पांच मार्च की वाट्सऐप पर हुई बातों को फेसबुक पर सार्वजनिक कर दिया था। जिसमें भूपति पेस से कह रहे हैं कि उन्होंने अब तक संयोजन पर फैसला नहीं किया है लेकिन तार्किक रूप से रोहन बोपन्ना बंगलुरु के हालात के अधिक अनुकूल हैं।

पेस ने इसके बाद भूपति पर भेदभाव का आरोप लगाया था। बाद में इस बाताचीत को फेसबुक से हटा दिया गया था। इससे एक बार फिर पेस और भूपति के संबंधों में आई दरार का पता चलता है। पूर्व में इस जोड़ी ने देश के लिए कई खिताब जीते थे। हालांकि भूपति ने भारतीय टीम को 4-1 से मिली जीत के बाद अपने फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा, ‘पेस ने देश के लिए जो हासिल किया उसके कारण वह सम्मान का हकदार है। उसे छह खिलाड़ियों में विकल्प मिलना चाहिए। हमने उसे यह दिया और उसने स्वीकार किया, लेकिन चार खिलाड़ियों का हिस्सा नहीं होने के कारण पेस का नाराज होना थोड़ा गैरपेशेवर है।’ स मुकाबले से पहले पेस ने मैक्सिको में चैलेंजर प्रतियोगिता जीती थी। इससे साबित होता है वे अच्छे फॉर्म में थे हालंकि लिएंडर बुधवार को टीम से जुड़े थे जबकि बाकी खिलाड़ी रविवार को अभ्यास के लिए एकत्रित हुए थे।

पेस ने चयन पात्रता पर भी सवाल उठाए और मुकाबले के बीच में मुंबई चले गए। इस फैसले को भूपति ने स्तब्ध करने वाला करार दिया। भूपति ने कहा, ‘मैंने लिएंडर को फिटनेस टेस्ट देने को कहा था। मुझे गर्व है कि उसने चैलेंजर टूर्नामेंट जीता लेकिन साथ ही रोहन शीर्ष स्तर पर खेल रहा है, वह नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच के खिलाफ खेला। इसलिए मेरी पात्रता एक या दो चीज नहीं बल्कि पांच चीजें थी और इसमें फिटनेस भी शामिल है।’

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