भोपाल में तीन दिवसीय लोकमंथन कार्यक्रम का शुभारंभ
भोपाल। विधानसभा के मानसरोवर सभागार में शनिवार सुबह तीन दिवसीय लोकमंथन का आगाज हो गया। स्वामी अवधेशानंद गिरि, राज्यपाल प्रो. ओपी कोहली, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका उद्धाटन किया।
कार्यक्रम में स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा कि आज लोगों में बेतहाशा उपभोग की प्रवृत्ति बढ़ गई है और रोग प्रतिरोधक शक्ति घट गई है। लोगों में संग्रह की भावना आ गई है। आनंद मंत्रालय के माध्यम से सरकार ऐसी नीति बनाएं कि लोग निजता से जुड़ें।
राज्यपाल ओपी कोहली ने कहा कि राष्ट्रीय अस्मिता पर अब भी संकट आया है। अंग्रेनों हमें मानसिक गुलाम बनाया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म भारत की राष्ट्रीयता है। देश के सामने फिर से नए रूप में उपनिवेशवाद खड़ा है। आज फिर से स्वेदशी आंदोलन की जरूरत है। शिक्षा आधुनिकता के नाम पर जड़ से कट गई है।
भाजपा के विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि 2014 के बाद ब्रिटेन के मीडिया ने यह माना है कि भारत अब औपनिवेशवाद से दूर होगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लोकमंथन से अमृत निकलेगा, इसमें जो करणीय होगा वह हमारी सरकार करेगी।
कार्यक्रम में सुरेश सोनी ने कहा कि इन परिस्थितियों में देश अपनी अस्मिता के आधार पर खड़ा हो यह सभी की चाह है। इसमें आगे कैसे बढ़ें यही लोकमंथन की थीम है।
तीन दिनों तक इसमें देश-विदेश के विद्वान और चिंतक राष्ट्रीय एकता से लेकर शिक्षा जैसे विषय पर विचार-विमर्श करेंगे। इसके निष्कर्षों को सरकारों को सौंपने के साथ सार्वजनिक किया जाएगा।
लोकमंथन के लिए 800 से ज्यादा विद्वानों ने पंजीयन कराया है। इसमें मानव, प्रकृति और भारतीय परंपरा की त्रिवेणी को दिखाया गया है। साथ ही जनजातीय परंपरा, कला और संस्कृति को भी दर्शाया गया है।