पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने देश के भ्रष्टाचार निरोधक निकाय एनएबी की याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया। एनएबी ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के तीन आरोपों में से एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में नवाज शरीफ और उनके परिवार के लोगों के जेल की सजा निलंबित रखने के खिलाफ याचिका दायर की थी।
अदालत ने जुलाई 2018 में शरीफ को आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में 10 वर्ष जेल और एनएबी के साथ सहयोग नहीं करने के मामले में एक वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी।
प्रधान न्यायाधीश साकिब निसार की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। कोर्ट ने शरीफ, उनकी बेटी मरियम नवाज और दामाद रिटायर कैप्टन मोहम्मद सफदर को एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में जेल की सजा निलंबित कर दी थी। यह मामला भ्रष्ट तरीकों से लंदन में चार लग्जरी फ्लैट खरीदने से जुड़ा हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि एनएबी जमानत रद्द करने का आधार नहीं बता पाया। इधर, तीन बार प्रधानमंत्री रहे 69 वर्षीय शरीफ और उनके परिवार ने किसी भी तरह का गलत कार्य करने से इंकार किया है।
अल- अजीजिया स्टील मिल्स भ्रष्टाचार मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अदालत द्वारा 24 दिसम्बर को सात वर्ष कैद की सजा सुनाने के बाद शरीफ वर्तमान में जेल में हैं। अदालत ने पनामा पेपर्स कांड के फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट भ्रष्टाचार मामले में उन्हें बरी कर दिया था।
कोर्ट के फैसले से शरीफ परिवार को बड़ी राहत
पाकिस्तानी अखबार डॉन के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से शरीफ परिवार को काफी राहत मिली है। नवाज के साथ उनके भाई शाहबाज शरीफ वर्तमान में जेल में बंद हैं। जवाबदेही अदालत द्वारा शरीफ परिवार को दिए गए जेल की सजा को पिछले वर्ष 19 सितम्बर को इस्लामाबाद उच्चतम न्यायालय ने निलंबित कर दिया था। इसके बाद एनएबी ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा ने कहा कि इस्लामाबाद हाई कोर्ट का निर्णय अस्थायी है और सुप्रीम कोर्ट इस निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करेगा। न्यायमूर्ति खोसा इस महीने देश के अगले प्रधान न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे।
न्यायमूर्ति खोसा ने कहा कि नवाज शरीफ जेल में है और जमानत के दुरूपयोग का कोई आरोप नहीं है। हमें संविधान का पालन करना है और हम सुनिश्चित करेंगे कि न्याय हो। हर मामले में निष्पक्ष सुनवाई होगी।
सूचना मंत्री ने की कोर्ट के निर्णय की सराहना
एनएबी की अपील खारिज करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की सराहना करते हुए सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने ट्वीट किया कि शरीफ अब भी जेल में हैं और इसलिए निर्णय का पाकिस्तान मुस्लिम लीग–नवाज (पीएमएल-एन) के नेता पर कोई असर नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नवाज को अयोग्य करार दिए जाने के बाद एनएबी ने आठ सितम्बर 2017 को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन मामलों एवेनफील्ड प्रॉपर्टीज मामला, फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट मामला और अल-अजीजिया स्टील मिल्स मामले की जांच की थी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर्स मामले में जुलाई 2017 में शरीफ को अयोग्य करार दिया था।