इम्फाल। मणिपुर के चूड़ाचांदपुर जिले के दंगा प्रभावित दक्षिणी हिस्से में बुधवार को कफ्र्यू थोड़ी ढ़ील दी गई गई है, ताकि लोग अपनी जरूरत के सामान खरीद सकें। प्रशासन ने अफवाहें फैलने से राकेने के लिए मंगलवार शाम से इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी है। चूड़ाचांदपुर के जिला मजिस्ट्रेट लनमिनथांग हाओकिप ने आईएएनएस को बताया, ‘‘कफ्र्यू में सुबह पांच बजे से ढील दी गई है, ताकि लोग आवश्यक सामान खरीद सकें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब तक ताजा हिंसा की कोई खबर नहीं है, लेकिन हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।’’
जिले में दुकानें, शिक्षण संस्थान और सरकारी प्रतिष्ठान भी बंद हैं। मणिपुर सरकार द्वारा तीन प्रमुख विधेयकों को मंजूरी देने के बाद सोमवार शाम से यहां हिंसा भड़क उठी है, जिसमें कम से कम आठ लोग मारे गए हैं और 3० से अधिक घायल हो गए हैं। इन तीन विधेयकों में मणिपुर जन संरक्षण विधेयक 2०15, मणिपुर भूमि राजस्व एवं भूमि सुधार (सातवां संशोधन) विधेयक 2०15, और मणिपुर दुकान एवं प्रतिष्ठान (दूसरा संशोधन) विधेयक 2०15 शामिल हैं। जनजातीय नागरिक समूह -आल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (एटीएसयूएम), कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (केएसओ) और ऑल नागा स्टूडेंड्स एसोसिएशन मणिपुर (एएनएसएएम)- विधेयक का विरोध कर रहे हैं। केएसओ के प्रवक्ता मिनलान गंगटे ने कहा, ‘‘मणिपुर भूमि राजस्व और भूमि सुधार अधिनियम में संशोधन से जातीय समुदायों के अधिकार छीन लिए गए हैं। हम (जनजाति) सरकार से और विशेष रूप से अपने निर्वाचित विधायकों से खुश नहीं है, विधेयक पारित करने के बाद वे चुप्पी साधे हुए हैं।’’ उग्र भीड़ ने सोमवार अपराह्न स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्री फुंगजांथंग तोनसिंग सहित पांच कांग्रेस विधायकों और बाहरी मणिपुर से लोकसभा सदस्य थांगसोई बैते के आवासों पर हमला किया। घटना के वक्त वे सभी घर पर नहीं थे।
भीड़ ने मंगलवार चूड़ाचांदपुर कस्बे में एक पुलिस थाने को आग लगा दी। इसके चलते पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलीबारी की जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी।