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मनीष सिसोदिया ने कहा- शिक्षा में बड़े बदलाव की जरूरत, सिलेबस भी 30 % कम हो…

नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने देश में स्कूलों को फिर से खोलने से पहले कई गंभीर विषयों पर रचनात्मक और साहसिक तरीकों से विचार करने पर बल दिया है। उन्होंने सुरक्षा उपाय के साथ फिर से स्कूल खोलने की मांग की है। साथ ही सिलेबस में 30 % की कमी करने की भी मांग की है।

उपमुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा कि कोरोना के बाद अब पुराने तरीके से पढ़ाई नहीं चल सकती। अब शिक्षा में बड़े बदलाव की जरूरत है। ऐसे बदलाव के लिए हम खुद आगे बढ़कर पहल करें, न कि विदेशों में कोई नई चीज होने का इंतजार करें और फिर उसकी नकल करें। उन्होंने लिखा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कुछ समय पहले कहा था कि हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी। ऐसे में स्कूलों को सुरक्षा उपायों के साथ खोलना ही बेहतर कदम होगा। सबसे पहले, हमें हर बच्चे को भरोसा दिलाना होगा कि वह हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं।

ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था स्कूल का विकल्प नहीं : सिसोदिया ने पत्र में लिखा है कि ऑनलाइन शिक्षा को स्कूल में सीखने की प्रक्रिया की एक पूरक व्यवस्था के तौर पर देखा जाना चाहिए। यह उसका विकल्प नहीं हो सकती।

बदलाव के सुझाव : उपमुख्यमंत्री ने सेकेंडरी, सीनियर सेकेंडरी ग्रेड की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव के ठोस सुझाव दिए हैं। पत्र में कहा है कि एनसीईआरटी और सीबीएसई को निर्देश दिए जाएं कि रटंत-परीक्षा के चंगुल से छात्र मुक्त हों। एनसीईआरटी को सभी विषयों के पाठ्यक्रम में तीस फीसदी की कटौती करने को कहा जाए।

सिंगापुर मॉडल से सीखें

सिसोदिया ने कहा, जब तक शिक्षक नए दौर की शिक्षा के लिए तैयार नहीं होंगे, तब तक परिवर्तन नहीं होगा। हमे अपने शिक्षकों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग देने के साथ आधुनिक प्रयोगों से रूबरू कराना होगा। हम सिंगापुर मॉडल से सीख सकते हैं।

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