पश्चिम बंगाल के एक नेता के मुताबिक मुकुल राय को राज्य में पार्टी के विस्तार की अहम जिम्मेदारी दी गई है। इसी के तहत मुकुल राय ने तृणमूल कांग्रेस के अपने पुराने सहयोगियों को टटोलना शुरु कर दिया था। सौमित्र खान के लगभग साल भर पहले ही भाजपा में आने की बात तय हो गई थी। लेकिन राज्य में राजनीतिक हिंसा का माहौल देखते हुए उन्हें रुकने के लिए कहा गया था। आने वाले समय में तृणमूल कांग्रेस के कई और नेता पाला बदल कर सकते हैं।
भाजपा सत्ता में वापसी के लिए इस बार पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर को खास निशाना बना रही है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि उत्तर भारत में वह पहले ही लगभग अधिकतम की सीमा के करीब पहुंच गई है। उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में अब उसके आगे बढ़ने की बजाय बदलते समीकरणों में पीछे होने की आशंका ज्यादा है। यही कारण है कि भाजपा अब अपने लिए उन क्षेत्रों में संभावनाएं तलाश रही है जहां उसने 2014 में सफलता नहीं पाई थी।