मरे हुए बेटे को जिंदा करने के लिए 12 घंटे तक रेत में गाड़े रखा शव और उसके बाद वो….
चंडीगढ़ – बेटे की मौत किसी भी मां बाप के लिए बेहद दर्दभरा अनुभव होता है। कोई भी मां बाप अपन जीते जी अपने बेटे को मरते हुए नहीं देखना चाहते हैं। लेकिन, कुदरत के आगे किसका जोर चलता है। कई बार ऐसी घटनाएं हो ही जाती हैं जब लाख कोशिशो के बावजूद मां बाप को अपने बेटे को दुनिया से विदा करना होता है और उसकी मौत का गम मनाना पड़ता है। लेकिन, सभी धर्मों में किसी की भी मौत के बाद सबसे पहले उसका अंतिम संस्कार किया जाता है। लेकिन, चंडीगढ में एक अलग ही मामला सामने आया है।
हम जिस दर्दभरी घटना के बारे में आपको बताने जा रहे हैं वो चंडीगढ़ की है। दरअसल, चंडीगढ़ में रहने वाले एक परिवार का एक लड़का बिमारी के कारण मर गया। लेकिन, उसके बाद जो हुआ वो होश उड़ा देने वाला है। दरअसल, उसके परिवार वालों ने उसका अंतिम संस्कार करने के बजाय उसे रेत में गर्दन तक दफना दिया। परिवार वालों ने उसके शव का सिर मिट्टी से बाहर रखा और उसके पास एक कटोरी में दूध रखकर वहीं बैठे रहे। इन लोगों का मानना था कि ऐसा करने से उनका बेटा जिंदा हो जायेगा।
बेटे की मौत का मां बाप को इतना गहरा सदमा लगा कि वो उसे जिंदा करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो गए। उन्होंने उसके मरने के बाद 12 घंटे तक रेत में गाड़े रखा। लेकिन जब 12 घंटे बिते जो हुआ उसपर आपके लिए यकीन करना मुश्किल होगा। यह घटना चंडीगढ के मनीमाजरा की है। जहां अपने मरे हुए 17 साल के बेटे को फिर से जिंदा करने के लिए उसके मां-बाप ने उसे सिर तक रेत में गाढ़े रखा। लेकिन, 12 घंटे तक सिर को छोड़कर पूरे शरीर को दफ़न करने के बाद भी पर फिर से जिंदा न हो सका।
पुलिस की पूछताछ में इस घटना को लेकर कुछ चौंकाने वाली बात सामने आई हैं। लड़के के मां बाप का कहना है कि एक लड़के की करंट लगने से मौत होने पर इसी तांत्रिकों ने बचाया था। लेकिन यह उपाय उनके बेटे पर काम नहीं आ रहा है। हालांकि, उनके बेटे की मौत कैसे हुई ये कोई नही बता रहा है। मां बाप का कहना है कि उसकी मौत बिमारी की वजह से हुई है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। उसकी मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पायेगी।