मशहूर गीतकार योगेश नहीं रहे, लता मंगेशकर समेत कई लोगों ने दी श्रद्धांजलि
लखनऊ : जाने—माने गीतकार कवि योगेश गौर का शुक्रवार को मुम्बई में निधन हो गया। वे 77 वर्ष के थे। कवि योगेश ने मुंबई के गोरेगांव स्थित घर में आखिरी सांसें लीं। उन्होंने 1971 में रिलीज हुई राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्म ‘आनंद’ में जिंदगी कैसी है पहेली हाय… और कहीं दूर जब दिन ढल जाए… जैसे सुपरहिट गीत लिखे थे। लीजेंड्री सिंगर लता मंगेशकर ने योगेश गौर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट किया- मुझे अभी पता चला कि दिल को छू लेने वाले गीत लिखने वाले कवि योगेश गौर जी का आज स्वर्गवास हुआ। यह सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। योगेश के लिखे हुए कई गीत मैंने गाए। वे बहुत शांत और मधुर स्वभाव के इंसान थे। मैं उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।
इंडस्ट्री में योगेश गौर को योगेश कहकर बुलाया जाता था। बढ़ती उम्र और बीमारियों की वजह से उनकी मौत हुई। योगेश लंबे अरसे से डायबिटीज से जूझ रहे थे। कुछ साल पहले उनकी किडनी का भी ऑपरेशन हुआ था। उन्होंने आनंद, बातों-बातों में, रजनीगंधा, छोटी सी बात जैसी फिल्मों के लिए यादगार गीत लिखे थे। उन्होंने रिमझिम गिरे सावन और कई बार यूं ही देखा है जैसे यादगार गीत लिखे।
एक्टर-प्रोड्यूसर निखिल द्विवेदी ने ट्वीट पर राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन स्टारर फिल्म आनंद का गीत कहीं दूर जब दिन ढल जाए शेयर किया। निखिल ने लिखा- आप अपनी ही तरह के व्यक्ति थे। आप जिस चीज के हकदार थे, हम वो आपको कभी नहीं दे पाए। आपका हर गीत हमेशा जिंदा रहेगा। आप मेरे फेवरेट रहेंगे।