उत्तर प्रदेशलखनऊ

महानायक यशवंत राव होलकर के 206वें स्मृति दिवस पर ‘विश्व एकता प्रार्थना सभा’ आयोजित  

लखनऊ। प्रथम स्वतंत्रता सेनानी, इन्दौर के होलकर वंश के महाराजा तथा समाज के महानायक यशवंत राव होलकर के 206वें स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में ‘‘विश्व एकता प्रार्थना सभा’’ का आयोजन 28 अक्टूबर 2017 को सद्भावना अपार्टमेन्ट, सेक्टर 13, राजाजीपुरम, लखनऊ में किया गया। इस समारोह का आयोजन लोकमाता अहिल्याबाई होलकर यूथ बिग्रेड लखनऊ शाखा द्वारा किया गया। समारोह का शुभारम्भ महानायक यशवंत राव होलकर के चित्र पर मार्ल्यापरण तथा पुष्पाजंलि अर्पित करके हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि समाजसेवी प्रदीप कुमार सिंह कहा कि यशवंत राव होलकर एक ऐसे भारतीय शासक थे जिन्होंने अकेले दम पर अंग्रेजों को नाकों चने चबाने पर मजबूर कर दिया था। अंग्रेज हर हाल में बिना शर्त समझौता करने को तैयार थे। वह एक ऐसे शासक थे जिसे अपनों ने ही बार-बार धोखा दिया, फिर भी जंग के मैदान में कभी हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने आगे कहा कि हमें श्रीमंत यशवंत राव होलकर के साहसिक जीवन से प्रेरणा लेते हुए विश्व एकता के लिए कार्य करना चाहिए। विश्व एकता की राह में सबसे बड़ी रूकावट परमाणु शस्त्रों की होड़ है। इसे विश्व की एक न्यायपूर्ण व्यवस्था बनाकर रोका जा सकता है। श्री सिंह ने बताया कि ईश्वर एक है, धर्म एक है तथा सारी मानव जाति एक है। 

लोकमाता अहिल्याबाई होलकर यूथ बिग्रेड, लखनऊ शाखा के अध्यक्ष चन्द्रशेखर पाल ने कहा कि यशवंत राव होलकर एक महान यौद्धा थे फिर भी उनका नाम इतिहास के पन्नों में वो कहीं खोया हुआ है। उस महान वीरयोद्धा की तुलना विख्यात इतिहासकार एन.एस. इनामदार ने ‘नेपोलियन’ से की है। पश्चिम मध्यप्रदेश की मालवा रियासत के महाराज यशवंतराव होलकर का भारत की आजादी के लिए किया गया योगदान महाराणा प्रताप और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई से कहीं कम नहीं है। इस अवसर पर राजेन्द्र कुमार पाल, संदीप पाल धनगर, संजय पाल, राजेश कुमार पाल, आशीष पाल आदि ने भी यशवंत राव होलकर के साहसिक कार्यों का अपने विचारों द्वारा गुणगान किया और उन विचारों के अनुरूप एक उच्चतम विकसित समाज के निर्माण का संकल्प दोहराया। 

शिष्ट अतिथि रामराज गांधी, एडवोकेट ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि युवाओं ने युग-युग में सामाजिक परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। उन्होंने यूथ बिग्रेड के पदाधिकारियों तथा सदस्यों से अपील करते हुए कहा कि विश्व एकता के विचारों से ओतप्रोत इस तरह के प्रेरणादायी कार्यक्रम अधिक से अधिक किये जाने चाहिए। उन्होंने शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी को संसार का सबसे बड़ा विश्व एकता के लिए सार्थक कार्य करने वाला व्यक्तित्व बताया। अन्त में समाजसेवी प्रदीप कुमार सिंह ने उपस्थित सभी परिवारजनों को तेजज्ञान फाउण्डेशन, पुणे के संस्थापक सरश्री तथा प्रसिद्ध शिक्षाविद् द्वारा लिखित प्रेरणादायी पुस्तकें उपहार स्वरूप सादर भेंट की।

 

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