सूरत: कांग्रेस नेता राहुल गांधी आपराधिक मानहानि के एक मुकदमे में अपना बयान दर्ज कराने के लिए गुरुवार को सूरत की एक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुए. सूरत से बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने ‘मोदी’ उपनाम पर राहुल गांधी की कथित टिप्पणी को लेकर मुकदमा दर्ज कराया था. सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ए एन दवे के समक्ष अपने बयान में गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान मोदी उपनाम वाले लोगों पर कोई अपमानजनक टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
जब मजिस्ट्रेट ने गांधी से पूछा कि क्या उन्होंने यह कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक उद्योगपति को 30 करोड़ रुपये दिए तो इस पर गांधी ने अदालत को बताया कि एक राष्ट्रीय नेता के तौर पर वह राष्ट्र के हित में अपने संबोधनों में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के मुद्दे उठाते रहते हैं और ऐसा करना उनका अधिकार है. जब अदालत ने पूछा कि क्या उन्होंने यह कहा था कि मोदी उपनाम वाले सभी लोग चोर होते हैं तो गांधी ने दावा किया कि उन्होंने कभी ऐसे शब्द नहीं कहे. मामले में सबूत और गवाहों के बयानों के संबंध में बाकी के ज्यादातर सवालों पर गांधी ने कहा, ”मैं नहीं जानता.”
बयान दर्ज करने के बाद मजिस्ट्रेट ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 12 जुलाई की तारीख तय की. इससे पहले गांधी अक्टूबर 2019 में अदालत में पेश हुए थे और उन्होंने इस टिप्पणी के लिए खुद को दोषी नहीं माना था.